DSP की गिरफ्तारी : उठाया कांग्रेस ने सवाल तो दिया भाजपा ने यह जवाब

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में दो आतंकवादियों के साथ डीएसपी देवेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था। इस मामले पर सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। कांग्रेस नेताओं अधीर रंजन चौधरी और रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उसे कठघरे में खड़ा किया है। हालांकि मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्हें करारा जवाब दिया है। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस ने आज जैसा व्यवहार दिखाया है वो दिखाता है कि उन पर लोकतांत्रिक सर्जिकल स्ट्राइक किया जाना चाहिए।

वे रोजाना पाकिस्तान की तारीफ कर रहे हैं। भाजपा चौधरी और सुरजेवाला के बयानों की निंदा करती है। कांग्रेस ने एक बार फिर धर्म में आतंक पाया है। पात्रा ने कविता के माध्यम से भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि रोज सहलाते हैं पाकिस्तान की पीठ को, खंजर घोंपते हैं हिंदुस्तान की पीठ पर, फिर कहते हैं हमें देशद्रोही न कहो, तुम पर छोड़ते हैं हम बताओ इनको क्या कहें। जम्मू-कश्मीर का एक डीएसपी आतंकी गतिविधि में शामिल होने के कारण गिरफ्तार हुआ है।

इस पूरे प्रकरण के बाद कांग्रेस ने वही किया है, जिसमें कांग्रेस निपुण है, सक्षम है और वह है भारत पर हमला और पाकिस्तान को बचाने की साजिश। इस पूरी प्रक्रिया में कांग्रेस के अधीर रंजन ने आव देखा न ताव और मिनटों के अंदर धर्म ढूंढ लिया। आतंकवाद पर धर्म की राजनीति करना कांग्रेस की संस्कृति है। सोनिया गांधी बाटला हाउस एनकाउंटर में तीन आतंकियों की मौत से काफी विचलित थीं। राहुल गांधी टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े हैं।

मैं कांग्रेस के नेताओं से पूछता हूं क्या आपको अब भी यह अंदेशा है कि पुलवामा हमला पाकिस्तान ने नहीं कराया था। अगर ऐसा है तो कैमरे के सामने आकर बोलें। कांग्रेस ने मोदीजी पर हमला करते हुए उन्हें हिन्दू जिन्ना कहा था। हिंदू जिन्ना, हिंदू आतंकवाद जैसे शब्दों का प्रयोग करना कहीं न कहीं हिंदुओं को आतंकी सिद्ध करना है। राहुल गांधी ने भी कहा था कि हमें सिमी या इस्लामिक आतंकवाद से डर नहीं है, हमें हिंदुओं से डर है।

इससे पहले कांग्रेस सांसद अधीर चौधरी ने लगातार तीन ट्वीट किए और केंद्र सरकार पर सवालों की बौछार की। उन्होंने लिखा कि क्या देवेंद्र सिंह मूल रूप से देवेंद्र खान है। इस बारे में आरएसएस के ट्रोल रेजिमेंट को साफ-साफ और स्पष्ट शब्दों में जवाब देना चाहिए। मजहब, रंग और कर्म को किनारे रखते हुए देश के ऐसे दुश्मनों की एकसुर में आलोचना की जानी चाहिए। अब यह सवाल उठना लाजिमी है कि पुलवामा हमले के पीछे किसका हाथ था।

दूसरी ओर, सुरजेवाला ने पूछा है कि देवेंद्र सिंह कौन है? 2001 में संसद पर हुए हमले में उसका क्या रोल था, पुलवामा में हुए आतंकी हमले में उसका क्या रोल था, जहां वो डीएसपी के पद पर तैनात था। क्या वो अपनी कार में हिज्बुल के आतंकियों को ले जा रहा था या वो पूरी साजिश का सिर्फ एक मोहरा भर है और इसका मुख्य साजिशकर्ता कहीं और है?