दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने समर्थन दिया है। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करके कहा है कि आम आदमी पार्टी को वोट करें, राजेंद्र नगर सीट से उम्मीदवार राघव चड्ढा को वोट करें, अरविंद केजरीवाल और सभी आप उम्मीदवारों को वोट करें। आपको बता दें कि बुधवार को शिरोमणि अकाली दल ने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया था।
वहीं चुनाव के अंतिम चरण में आम आदमी पार्टी ने प्रचार का पूरा खाका तैयार कर लिया है। प्रचार के लिए कुल आठ दिन और बचे हैं। इस दौरान पार्टी डोर टू डोर प्रचार के अलावा छोटी-छोटी जनसभा, नुक्कड़ सभाएं करने का फैसला लिया है। पार्टी का कहना है कि आने वाले दिनों में हमारी तैयारी हर मतदाता तक दो बार पहुंचने की है। इसके लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी कर दिया गया है।
पार्टी के मुताबिक अगले सात दिनों में वह 8000 छोटी बड़ी जनसभाएं करेगी। इसके अलावा 300 नुक्कड़ नाटक, फ्लैट मॉब का आयोजन किया जाएगा। इसी तरह प्रत्येक वार्ड में चार जनसभा रोज होगी। पार्टी के कार्यकर्ता और नेता 50 लाख घरों तक अपनी दस्तक देंगे। डोर टू डोर प्रचार पर पार्टी का सबसे अधिक जोर रहेगा। घर-घर जाकर पार्टी अपने कामकाज के बारे में बताएगी। काम पर वोट और दिल्ली के भविष्य के लिए केजरीवाल को वोट अभियान के तहत लोगों से आप को वोट देने की अपील की जाएगी।
पार्टी ने अंतिम चरण के प्रचार के लिए 20 हजार स्वयंसेवकों यानी प्रति विधानसभा करीब 300 स्वयंसेवक के अलावा 5000 नए युवाओं की टोली तैयारी की है। इसमें छात्र और पेशेवर होंगे जो केजरीवाल फिर से अभियान को आगे बढ़ाएंगे। डोर टू डोर अभियान के लिए आप के सभी उम्मीदवार, स्टार प्रचारक और नेता राज्य, जिले, विधानसभा, वार्ड और मंडल स्तर पर नेतृत्व करेंगे। चार-चार लोगों की टीम नुक्कड़ नाटक, गीत संगीत के जरिए केजरीवाल फिर से का अभियान चलाएंगे। ट्रैफिक सिग्नल पर कार्यकर्ता पार्टी के लिए वोट मांगते दिखेंगे।
बीजेपी को मिला शिरोमणि अकाली दल का साथ
बुधवार को शिरोमणि अकाली दल ने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया था। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को इसकी घोषणा की। इसके पहले अकाली दल ने सीएए के मुद्दे पर अपना विरोध जताते हुए दिल्ली में चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी। गौरतलब है कि दिल्ली में पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा व अकाली दल ने मिल कर लड़ा था, लेकिन इस बार अकाली दल ने गठबंधन नहीं किया था।
सीएए पर भी रुख बदला : सुखबीर बादल ने कहा कि हम नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थक हैं। पाकिस्तान और तालिबान के दौर में अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आएं वहां के सिखों एवं अल्पसंख्यकों के मुद्दे को हमने लगातार उठाया । हमने मांग की थी कि इन्हें नागरिकता दी जाए।
मनजिंदर सिरसा ने क्या कहा था : गौरतलब है कि अकाली नेता मजजिंदर सिंह सिरसा ने कुछ दिन पहले दिल्ली में भाजपा के साथ चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने इसके पीछे सीएए को कारण बताया था।