लखनऊ। देश में डायबिटीज (मधुमेह) का प्रकोप दिनोंदिन बढ़ रहा है। यह हार्ट, किडनी के साथ-साथ आंख पर भी वार कर रही है। अनियंत्रित शुगर व्यक्ति को रेटिनोपैथी का दंश दे रही है। वहीं बीमारी का निदान होने के बावजूद लोग अनजान हैं। ऐसे में वह अंधता का शिकार हो रहे हैं।
11 अक्टूबर को विश्व दृष्टि दिवस है। इस दौरान विटियो रेटिनल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. शोभित चावला ने रेटिनोपैथी से बढ़ रही अंधता जो आंकड़े पेश किए हैं, वह चौंकाने वाले हैं। उन्होंने बताया कि डायबिटीज का बढ़ता प्रकोप आंख पर भी भारी पड़ रहा है। 15 से 20 वर्ष में डायबिटीज के रोगी रेटिनोपैथी के शिकार हो रहे हैं। वहीं समस्या को नजरंदाज करने से साइट थ्रेटनिंग डायबिटीक रेटिनोथेरेपी की गिरफ्त में आ रहे हैं। ऐसे में मरीज की रोशनी क्षय होने लगती है। इलाज न मिलने पर यह दिक्कत धीरे-धीरे अंधता का कारण बन जाती है।
इन आंकड़ों पर एक नज़र डालें :-
- विश्व में लगभग 40 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित
- देश में छह करोड़ से अधिक लोग देश में आठ करोड़ लोग डायबिटीज की बॉर्डर लाइन पर
- डायबिटीज से प्रति वर्ष 80 लाख लोग विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं
- देश में लगभग 22 लाख लोग कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित हैं, इनमें से दो लाख यूपी के हैं।
डॉ. शोभित चावला के मुताबिक, रेटिनोपैथी होने पर आंख में दो तरह की दिक्कतें पनपती हैं। इसमें पर्दे के सेंटर में पानी आ जाता है। इसे डायबिटिक मैक्युलर एडीमा कहते हैं। वहीं दूसरी समस्या आंख में रक्त आना है। आंख की मुख्य धमनियों में रक्त आपूर्ति का बाधित होना है। ऐसे में नई खून की धमनी पनपने लगती है। इनकी वॉल कमजोर होने से रेप्चर हो जाती हैं।
समय-समय पर कराएं जांच:
- डायबिटीज के मरीज एक वर्ष में आंख की जांच अवश्य कराएं
- रेटिनोपैथी होने पर छह-छह माह पर चेकअप कराएं
- रेटिनोपैथी का प्रकोप बढ़ने पर तीन-तीन माह पर जांच कराएं
सुधारें आदत, बदलें खानपान:
- डायबिटीज रोगी शुगर की मात्र नियंत्रित रखें
- संतुलित व पौष्टिक आहार लें, फास्ट फूड व अधिक काबरेहाइड्रेट के खाद्य पदार्थ का सेवन न करें
- डायबिटीज के मरीज व्यायाम अवश्य करें