नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों में अब तीसरी से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों की डिजिटल रिपोर्ट कार्ड तैयार होगी। शिक्षा निदेशालय ने परीक्षा प्रणाली को डिजिटल करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके लिए सितंबर में हुईं अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के अंकों को ऑनलाइन भरा जा रहा है। ऑनलाइन अंकों को भरने के लिए प्रत्येक विषय शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई है। वहीं सीबीएसई पैटर्न पर उत्तर पुस्तिकाओं के बाहर प्रत्येक प्रश्न के अंक भरने की व्यवस्था की गई है।
बीते माह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा निदेशालय को परीक्षाओं की पूरी प्रक्रिया डिजिटल करने के निर्देश दिए थे, जिससे तहत उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन से लेकर टैबलेट पर रिपोर्ट कार्ड बनाई जा सके। इन्हीं निर्देशों का पालन करते हुए विषय शिक्षक प्रत्येक छात्र के अंक ऑनलाइन भर रहे हैं। इस तरह से ऑनलाइन परिणाम घोषित किया जा सकेगा।
सरकारी स्कूल के प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि 25 अक्तूबर शाम पांच बजे तक वह ऑनलाइन अंक भरने की प्रक्रिया पूरी कर लें। इसके साथ ही प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक भी ऐसे ही भरने हैं। स्कूल प्राचार्यों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि अंकों को सही तरीके से भरा जाए, जिससे गलती की गुंजाइश न हो। यदि किसी को अंकों में सुधार करना होगा तो अपडेट की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
वहीं निदेशालय ने इस बार व्यवस्था की है कि शिक्षकों को प्रत्येक छात्र की उत्तर पुस्तिका के बाहर किस प्रश्न में कितने अंक मिले हैं, उसे भरना होगा। अभी तक सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं में ही यह व्यवस्था है।
गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव अजयवीर यादव ने कहा कि ऑनलाइन अंक भरने और उत्तर पुस्तिका के बाहर एक-एक प्रश्न के अंक भरने में अधिक समय लग रहा है। इस कारण से शिक्षक पढ़ाने की बजाए इन्हीं कार्यों में लगे रहते हैं।