लुधियाना में कांग्रेस पर दोहरा हमला: पार्षद ममता रानी बनी AAP की सदस्य!

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पंजाब के लुधियाना में आम आदमी पार्टी (AAP) अपने मेयर का चुनाव करने की तैयारी कर रही है। सोमवार को, पार्टी का शपथ ग्रहण समारोह गुरुनानक भवन में आयोजित किया जाएगा, जिसमें मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के नामों की घोषणा की जाएगी। लेकिन इससे पहले ही AAP ने कांग्रेस को एक बड़ा झटका देते हुए उनके एक और पार्षद को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। वार्ड नंबर 41 की पार्षद ममता रानी ने आम आदमी पार्टी का हाथ थाम लिया है। इसके अलावा, प्रदेश प्रधान और मंत्री अमन अरोड़ा ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं बलविंदर सिंह, मनी राम और विशाल धवन को भी AAP में शामिल किया है। इससे पार्टी के पास 48 सदस्यों का आंकड़ा आ गया है, जिससे अब उन्हें विधायकों की वोटिंग कराने की आवश्यकता नहीं है।

कांग्रेस के पार्षदों को तोड़कर आम आदमी पार्टी ने मेयर बनने के लिए अपनी रणनीति को मजबूत किया है। पिछले कुछ समय से यह सवाल उठ रहा था कि क्या विधायकों को सदन में वोटिंग का अधिकार है, और अगर दो साल बाद AAP के विधायकों की संख्या घटती है, तो पार्टी निगम सदन में अल्पमत में आ जाएगी। लेकिन ममता रानी के AAP में शामिल होने के बाद, पार्टी अब बिना विधायकों की वोटिंग के मेयर बनाना संभव कर सकेगी। यह AAP के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है और इससे उनकी स्थिति और मजबूत हुई है।

आम आदमी पार्टी ने निगम चुनाव में 41 उम्मीदवारों को जीत दिलाई थी, जबकि मेयर बनने के लिए 48 सदस्यों की आवश्यकता थी। पार्टी ने सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को पहुंचाया है, जिसमें से 4 पार्षदों को तोड़कर अपने पक्ष में किया। इन चार में से तीन पार्षद आत्म नगर हलके से हैं। इसके अलावा, एक आजाद और एक भाजपा के पार्षद को भी AAP में शामिल करवाया जा चुका है। इस तरह से पार्टी का एक नया समीकरण बनता नज़र आ रहा है, जो कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन सकता है।

मेयर पद के लिए संभावित उम्मीदवारों की बात करें, तो हल्का पूर्वी और पश्चिमी से मेयर बनना लगभग तय माना जा रहा है। दोनों विधायकों, गुरप्रीत गोगी और अशोक पराशर (पप्पी), की पत्नियां हाल ही में चुनाव में हार गई थीं। इस स्थिति में, अब प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर और निधि गुप्ता का नाम मेयर पद के लिए चर्चा में है। आम आदमी पार्टी के इस कदम से लुधियाना में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं और आने वाले समय में इस क्षेत्र में AAP की स्थिति को मजबूत करने का प्रयास जारी रहेगा।

लुधियाना के मेयर चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है और सभी की नजरें आम आदमी पार्टी के फैसले पर टिकी हुई हैं। अगर AAP अपने मेयर बनाने में सफल रहती है, तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित होगा और आगामी चुनाव में इसका असर भी देखने को मिलेगा।