माँ गंगा निर्मल संरक्षण समिति की गंगा सेवा के शिविर का हुआ शुभारम्भ 

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माँ गंगा निर्मल संरक्षण समिति की गंगा सेवा के शिविर का हुआ शुभारम्भ 

महाकुम्भ नगर, 15 जनवरी (हि.स.)। माँ गंगा निर्मल संरक्षण समिति द्वारा आयोजित गंगा सेवा के शिविर का शुभारम्भ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने किया। उन्होंने गंगा की निर्मलता और संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला और सभी से इसे संरक्षित रखने की अपील की।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने निर्मल दास महाराज को बधाई और शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने महाकुम्भ मे किये जा रहे गंगा सेवा के इस नेक कार्य के लिए उनके प्रयासों की सराहना की और उनके प्रयासों को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ मेला हिन्दू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु और साधु-संत भाग लेते हैं। संतों का महाकुंभ में विशेष महत्व होता है, क्योंकि वे धार्मिक ज्ञान, उपदेश और साधना के प्रतीक होते हैं। संतों का उद्देश्य न केवल स्वयं का आत्मोत्थान करना, बल्कि समाज को धार्मिक और नैतिक मार्गदर्शन प्रदान करना भी होता है।

श्री निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत राम रतन गिरी ने कहा की महाकुम्भ में संतों की उपस्थिति और उनके धार्मिक कार्य जैसे उपदेश, भजन-कीर्तन, साधना और आचार्य पाठ लोगों को आत्मिक शांति और आस्था की दिशा में प्रेरित करते हैं। संत अपने आशीर्वाद और उपदेशों से भक्तों को जीवन के उच्च आदर्शों के प्रति जागरूक करते हैं और उन्हें आत्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि संतों का योगदान विशेष रूप से इस कारण महत्वपूर्ण है कि वे धर्म, सद्गुण, और सेवा का प्रतीक होते हैं, और उनका आचार-व्यवहार समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होता है।