पंजाब के मानसा जिले में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर एक जोरदार प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाई। भैणीबाघा गांव में एकत्र हुए बड़ी संख्या में किसान और महिलाएं ने मिलकर बठिंडा-पटियाला रोड पर मार्च निकाला और केंद्र सरकार का पुतला फूंका। इस प्रदर्शन में भाग लेने वाले किसानों ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में स्वीकृत किसानों की मांगों को लागू न करने के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करना है।
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर भी हैं। उनका कहना है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार उनकी जायज़ मांगों पर ध्यान नहीं देती। किसानों की प्रमुख मांगों में कृषि कानूनों का कड़ा विरोध, उचित मुआवजे की मांग और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की अपील शामिल हैं।
किसानों ने साफ-साफ चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को शीघ्र नहीं मानती, तो उन्हें अपने आंदोलन को और भी तेज करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। प्रदर्शनकारी कृषि समुदाय से जुड़ी प्रमुख समस्याओं को उजागर करते हुए बताते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है और यदि इसका समाधान नहीं किया गया, तो यह देश के लिए भी एक गंभीर संकट बन सकता है।
इस प्रदर्शन के अंतर्गत किसानों ने आगामी 26 जनवरी को जिले भर में एक बड़े ट्रैक्टर मार्च की योजना भी बनाई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उनका आंदोलन अब एक नई दिशा में अग्रसर हो रहा है। किसानों की यह एकता और सक्रियता दर्शाती है कि वे अपने हक के लिए लडऩे को पूरी तरह से तत्पर हैं।
इन घटनाओं से यह भी संकेत मिलता है कि पंजाब में कृषि से जुड़े मुद्दे केवल स्थानीय नहीं हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी महत्ता है। किसान अपनी आवाज को मजबूती से उठाते रहेंगे और सरकार के सामने अपनी समस्याओं को रखने के लिए सजग रहेंगे। ऐसे दौर में जब किसान आंदोलन को लेकर पहले से ही कई विवाद रह चुके हैं, इस बार आंदोलनकारियों ने अपनी योजना को स्पष्ट रूप से अधिसूचित किया है जिससे कि उनकी आवाज़ सुनी जा सके।