नगर निगम चुनाव-वार्डों में भाजपा और कांग्रेस के अलावा निर्दलीय भी तलाश रहे चुनावी जमीन, दावेदारों के बीच कड़ा मुकाबला

Share

नगर निगम चुनाव-वार्डों में भाजपा और कांग्रेस के अलावा निर्दलीय भी तलाश रहे चुनावी जमीन, दावेदारों के बीच कड़ा मुकाबला

रायगढ़ , 30 दिसंबर (हि.स.)।नगर निगम चुनाव के लिए वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शहर के ज्यादातर वार्डों में राजनीतिक गहमा-गहमी बेहद तेज हो गई है। रायगढ़ नगर निगम के 48 वार्डों में से सामान्य वार्डों में पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए दावेदारों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। भाजपा और कांग्रेस की टिकट से जहां चुनाव लड़ने का ख्वाब संजोए अनेक चेहरे सामने आ रहे हैं। वहीं वार्ड आरक्षण के बाद बदली हुई परिस्थिति में कुछ पूर्व पार्षद इस बार फिर चुनावी समर के लिए जमीन तैयार करने में जुटे नजर आ रहे हैं। शहर के हृदय स्थल कहे जाने वाले कुछ वार्डों पर नजर डालें तो ऐसे ही स्थिति उभरती दिख रही है। वार्ड क्रमांक 18, वार्ड क्रमांक 19, वार्ड क्रमांक 20 और वार्ड क्रमांक 21 की बात करें तो इन चारों वार्ड में तीन पर भाजपा का कब्जा है, जबकि एक वार्ड पर कांग्रेस का परचम लहरा रहा है।

प्रदेश में भाजपा की सत्ता में वापसी और रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व ओपी चौधरी के हिस्से में आने के बाद रायगढ़ का राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है। इस स्थिति में भाजपा के हौंसले बुलंद हैं और कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ा हुआ है है। नगरनिगम में भी सत्ता वापसी का सपना भाजपा के आम कार्यकर्ता भी संजोए हुए हैं। ऐसे में शहर के हर वार्ड में भाजपा से वार्ड पार्षद के अनेक दावेदार सामने आ रहे हैं, जिनमें युवा दावेदारों में अजब उत्साह है।

वार्ड क्रमांक 18 को आम शहरी गुजराती पारा वार्ड के नाम से जानता है।इस वार्ड से मौजूदा भाजपा पार्षद पूनम दीपेश सोलंकी की भी इस बार भी दावेदारी है। पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित इस वार्ड से पूनम सोलंकी के अलावा भाजपा से कुछ अन्य की भी दावेदारी सामने आ रही है। राजनीति के जानकारों की मानें तो सामान्य वार्ड से चुनाव जीतने वाली पूनम सोलंकी को इस बार पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित इस वार्ड से चुनाव लड़ने का मौका मिल गया है। ऐसे में उनकी दावेदारी स्वाभाविक है, जबकि भाजपा से अन्य पिछड़ा वर्ग के संभावित दावेदार वार्ड आरक्षण को मुद्दा बनाकर कर अपनी दावेदारी पुख्ता करने की जुगत लगा रहे हैं। कांग्रेस भी इस वार्ड से नया चेहरा उतारने की तैयारी में है, जिससे कांग्रेस से भी अनेक दावेदार सामने आ रहे हैं। जबकि कुछ लोग निर्दलीय किस्मत आजमाने की ताक में हैं।इस स्थिति में वार्ड क्रमांक 18 में चुनावी समर के दिलचस्प होने के आसार हैं।

मौजूदा दौर में वार्ड क्रमांक 19 भी भाजपा के हिस्से में है। इस बार सामान्य वार्ड होने से इस वार्ड में राजनीति में बेहद गर्माहट महसूस की जा रही है। 2019 के चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित इस वार्ड से महेश कंकरवाल भाजपा के पार्षद हैं। अब इस बार सामान्य वार्ड होने पर नगरनिगम के पूर्व सभापति सुरेश गोयल की जहां दावेदारी सामने आ रही है। वहीं पूर्व पार्षद अनूप रतेरिया की दावेदारी है। जबकि महेश कंकरवाल स्वाभाविक दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा भाजपा से राहुल महमिया नये चेहरे के तौर पर सामने आ रहे हैं। उधर कांग्रेस भी इस वार्ड पर अपना कब्जा जमाने की तैयारी में है, जिससे कांग्रेस से भी कई दावेदारों की चर्चा सुर्खियों में है। इनमें आशीष शर्मा, तरूण अग्रवाल प्रबल दावेदार के तौर पर सामने आ रहे हैं। कांग्रेस इस वार्ड से बेहतर प्रत्याशी की तलाश में हैं, जिससे भाजपा को शिकस्त देने में कामयाब हो जाए।मसलन इस वार्ड में जहां टिकट को लेकर राजनीतिक घमासान मचने के आसार हैं। वहीं चुनावी मुकाबला कांटे के होने की संभावना है।

शहर का वार्ड क्रमांक 20 कांग्रेस के कब्जे में है। इस सामान्य वार्ड से प्रभात साहू कांग्रेस के पार्षद हैं। परिसिमन के बाद 2014 के चुनाव में वार्ड नंबर 20 से निर्दलीय शरद सराफ चुनाव जीते थे। परन्तु 2019 के चुनाव में कांग्रेस के प्रभात साहू ने इस वार्ड पर कब्जा कर लिया। इस बार भी सामान्य वार्ड होने से जहां कांग्रेस से प्रभात साहू की स्वाभाविक और पुख्ता दावेदारी हैं। वहीं भाजपा से शरद सराफ भी स्वाभाविक दावेदार के तौर पर सामने आ रहे हैं। जबकि भाजपा से नये चेहरे में प्रवीण द्विवेदी का नाम सामने आ रहा है। हालांकि पूर्व पार्षद अनूप रतेरिया के चाहने वाले वार्ड नंबर 20 से भी उनकी दावेदारी को हवा देते नजर आ रहे। राजनीति के जानकारों की मानें तो अनूप रतेरिया की पहली पसंद वार्ड नंबर 19 है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के गढ़ के तौर पर इस वार्ड की पहचान है। परिसिमन से पहले इस क्षेत्र से कांग्रेस को दो बार जीत मिली थी। परिसिमन के बाद 2014 के चुनाव में शरद सराफ बतौर निर्दलीय चुनाव जीते थे। ऐसी स्थिति में अनूप रतेरिया सेफ सीट से दावेदारी का दांव लगा सकते हैं, चर्चा यह भी है कि प्रभात साहू राजनीति में उनसे जूनियर हैं।इस स्थिति में अनूप के अलावा भाजपा से कुछ अन्य लोगों की दावेदारी सामने आ रहे हैं।

शहर के चक्रधरनगर क्षेत्र में वार्ड क्रमांक 21 बेलादुला वार्ड की भी खासी चर्चा है। सामान्य वार्ड होने पर इस वार्ड से कुछ नये चेहरे सामने आ रहे हैं। इस वार्ड से 2019 के चुनाव में निर्दलीय सोमेश साहू चुनाव जीत कर आए और भाजपा में शामिल हो गए। इस स्थिति में सोमेश जहां भाजपा से स्वाभाविक दावेदार के तौर पर सामने है। वहीं तीन बार पार्षद रहे सीताराम विश्वकर्मा का नाम भी सामने आ रहा है। हालांकि युवा और नये चेहरे के तौर पर प्रतीक अग्रवाल की भाजपा से दावेदारी चर्चा में है। कांग्रेस भी अपने इस सीट से एक बार चुनाव जीत चुकी है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन की तलाश में दमदार प्रत्याशी की तलाश में हैं। जिससे इस सामान्य वार्ड में कड़ा चुनावी मुकाबला देखने को मिल सकता है।

—————