लुधियाना, पंजाब में एक बेहद महत्वपूर्ण घटना सामने आई है, जहां एक बिल्डर और उसके पिता को पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को रिश्वत देने के प्रयास में रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपियों ने पुलिस अधिकारी को फंसाने के लिए उनकी बातचीत को गुप्त रूप से रिकॉर्ड किया था। यह घटना स्पेशल ब्रांच के रमनदीप सिंह भुल्लर के कार्यालय में हुई, जहाँ पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें डिवीजन नंबर 8 पुलिस स्टेशन में भेज दिया। आरोपियों की पहचान घोटालों के मामले में शामिल हुए आकाश गुप्ता और उनके पिता विजय गुप्ता के रूप में हुई है, जो एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं।
पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लाख रुपये की नकद राशि और रिकॉर्ड किए गए वीडियो को बरामद किया। डिवीजन नंबर 8 पुलिस की एसएचओ इंस्पेक्टर बलविंदर कौर ने बताया कि आकाश गुप्ता और उनके पिता ने एक किरायेदार द्वारा किए गए कथित जालसाजी की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे एडीसीपी भुल्लर द्वारा जांच किया जा रहा था। जब बिल्डर व उनके पिता कार्यालय पहुंचे, तो बातचीत के दौरान आकाश ने “पेमेंट” शब्द का उल्लेख किया, जिससे पुलिस अधिकारियों में तुरंत संदेह उत्पन्न हुआ।
इंस्पेक्टर बलविंदर कौर ने बताया कि जब एडीसीपी भुल्लर ने उनसे पूछा कि आखिर वे किस प्रकार के भुगतान की बात कर रहे थे, तो उन्होंने बताया कि इस मामले में कोई भुगतान की आवश्यकता नहीं थी। संदेह होने पर, एडीसीपी ने अपने कर्मचारियों से आरोपियों की तलाशी लेने के लिए कहा। तलाशी के दौरान, पुलिस को पता चला कि आकाश अपने फोन के माध्यम से अधिकारियों के साथ अपनी बातचीत को रिकॉर्ड कर रहा था। यह स्थिति स्पष्ट थी कि उन दोनों के इरादे कुछ ठीक नहीं थे।
इंस्पेक्टर बलविंदर कौर ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अंतर्गत धारा 8 के साथ-साथ बीएनएस अधिनियम की धारा 308 (2) (जबरन वसूली) और 61 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले की शिकायत वरिष्ठ कांस्टेबल जगतार सिंह ने की थी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पिता-पुत्र को उसी स्थान पर गिरफ्तार कर लिया। विजय गुप्ता को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि आकाश अभी पुलिस हिरासत में है।
इस मामले में पुलिस की सक्रियता और तत्परता ने यह दर्शा दिया है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ कितने गंभीर हैं। जांच जारी है और अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना ने न केवल जिम्मेदार अधिकारियों के कार्यप्रणाली को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखा रहा है कि कानून की आंखें सभी जगह हैं और कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।