पंजाब के लुधियाना स्थित सिविल अस्पताल में एक चिंताजनक घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नशे की हालत में एक मरीज की ड्रिप (ग्लूकोज) में इंजेक्शन लगा रहा है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें यह स्पष्ट देखा जा सकता है कि उक्त कर्मचारी का खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा था। जानकारी के अनुसार, यह मामला मंगलवार का है, जब कर्मचारी ने महिला मरीज पार्वती देवी को इंजेक्शन लगाने का प्रयास किया।
इस पूरे घटनाक्रम पर सिविल अस्पताल के SMO डॉ. हरप्रीत ने प्रतिक्रिया दी है, जिन्होंने बताया कि इस न शालीनता के कृत्य को कतई सहन नहीं किया जाएगा और तुरंत इस चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को कार्य से हटा दिया जाएगा। उन्होंने इस मामले में सिविल सर्जन को पत्र लिखने की भी बात कही, जिससे कि इस कर्मचारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। कर्मचारी का नाम सुखदेव बताया गया है, और उसके इस कृत्य ने अस्पताल प्रशासन को गंभीर चिंता में डाल दिया है।
वीडियो में नजर आता है कि सूखे सुखदेव न केवल इंजेक्शन लगा रहा है बल्कि मरीज की कलाई पर लगे केनोला को भी ठीक करने की कोशिश कर रहा है। जब महिला मरीज चिल्ला रही थी, तब अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने तुरंत वहां पहुंचकर महिला की मदद की। वीडियो बनाने वाला व्यक्ति, जो महिला के सामने वाले बेड पर मौजूद था, ने इस घटना को रिकार्ड किया, जिसने अस्पताल के वातावरण में अस्वस्थ माहौल का संकेत दिया।
आपत्तिजनक घटना के बारे में वार्ड में मौजूद अन्य मरीजों के परिजनों ने यह भी बताया कि यह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अक्सर नशे में रहकर ड्यूटी करता है, जिससे अस्पताल में बाकी मरीजों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इस घटना ने अस्पताल प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर किया है कि ऐसे कर्मचारियों की लापरवाही से मरीजों की जान को खतरा हो सकता है। इसलिए, अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाएगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो। इस घटना ने न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाया है, बल्कि इसने स्वास्थ्य क्षेत्र में कर्मचारियों की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के महत्व को भी उजागर किया है।