फरीदकोट, पंजाब में एक दर्दनाक घटना सामने आई है जहाँ घरेलू विवाद के चलते एक कलयुगी बुआ ने अपने भतीजे और भतीजी को घर से बाहर निकाल दिया। यह मामला रविवार का है, जब राहगीरों ने देखी कि दो छोटे बच्चे ठंड से कांपते हुए एक चौराहे पर खड़े हैं। बच्चों ने राहगीरों को बताया कि उनकी बुआ ने उन्हें बेघर कर दिया है। परेशान राहगीरों ने बच्चों की मदद करने का निर्णय लिया और उन्हें खाने-पीने की व्यवस्था की, इसके साथ ही बच्चों के माता-पिता के मोबाइल नंबर भी मिले ताकि उन्हें घटना की जानकारी दी जा सके।
जब राहगीरों ने बच्चों के माता-पिता से बात की तो उन्हें कोई संतोषजनक जानकारी नहीं मिली।इस कारण उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तुरंत पीसीआर (पुलिस कंट्रोल रूम) को मौके पर भेजा। पीसीआर टीम ने बच्चों को अपने संरक्षण में लिया और उन्हें थाना सिटी ले गई। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने बताया कि पूरी घटना को उच्च अधिकारियों के समक्ष रखा जा रहा है ताकि बच्चों के हित में उचित कार्रवाई की जा सके।
आस-पास के लोगों में इस घटना के प्रति चिंता व्यक्त की जा रही है। बच्चे, जो अपने ही मामा-मामी के भरोसे थे, अब ठंड में सड़कों पर भटक रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बच्चों की भलाई और सुरक्षा सर्वोपरि है। अधिकारी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि बच्चों को संरक्षित किया जाए और उनके साथ कोई अन्य अत्याचार न हो। उन्होंने यह भी कहा कि मामले की जीवन के सभी पहलुओं से जांच की जाएगी, जिसमें बुआ के खिलाफ उचित कार्रवाई भी शामिल होगी।
इस घटना ने समाज में कई सवाल खड़े किए हैं। यह दर्शाता है कि घरेलू विवाद कितनी गंभीर स्थिति पैदा कर सकते हैं और यह बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि समाज जागरूकता बढ़ाकर ऐसे मामलों में पहले से ही कदम उठाए। पुलिस ने बताया कि वे इस मामले की तह तक जाएंगे और दोषियों को सख्त सजा दिलाने का प्रयास करेंगे।
बच्चों को न केवल सुरक्षित किया जाना चाहिए बल्कि उन्हें एक प्यार और देखभाल वाले वातावरण में वापस लाने की आवश्यकता है। इसलिए पुलिस अब इस दिशा में भी प्रयासरत है कि बच्चों का पालन-पोषण किसी सुरक्षित स्थान पर किया जा सके। समाज के सभी सदस्यों को चाहिए कि वे ऐसे मामलों को नजरअंदाज न करें और बच्चों की भलाई के लिए आगे आएं।