विजय रूपाणी को महाराष्ट्र में बड़ी जिम्मेदारी: विधायक दल नेता चयन के पर्यवेक्षक नियुक्त!

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महाराष्ट्र में विधायक दल के नेता का चयन करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया शुरू हो रही है, जिसमें पंजाब बीजेपी के प्रभारी एवं गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है। यह जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी एक आदेश में दी गई। विजय रूपाणी और निर्मला सीतारमण कल मुंबई में मौजूद रहेंगे, जहां वे विधायक दल के नेता के चयन की प्रक्रिया की देखरेख करेंगे।

विजय रूपाणी, जोकि लंबे समय से पंजाब बीजेपी के प्रभारी का कार्यभार संभाल रहे हैं, की अगुवाई में पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 और चार विधानसभा उपचुनावों में भाग लिया। उनके नेतृत्व में, पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अपने वोट प्रतिशत में वृद्धि दर्ज की, जबकि चार विधानसभा उपचुनावों में उन्हें दुर्भाग्यवश हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, निगम और नगर परिषद चुनाव भी विजय रूपाणी के नेतृत्व में ही आयोजित किए जा रहे हैं।

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में 230 सीटें हासिल की हैं, जो बहुमत के लिए आवश्यक 145 सीटों से 85 ज्यादा हैं। बीजेपी को इस चुनाव में 132 सीटें मिलीं, जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) को 57 और एनसीपी (अजीत पवार गुट) को 41 सीटें मिली हैं। ये नतीजे स्पष्ट करते हैं कि महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक मजबूत स्थिति हासिल की है। पार्टी पहले भी अपने सह-गठबंधन के साथ मिलकर सरकार चला चुकी है, और अब वह फिर से महत्त्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रिया में जुटी है।

साथ ही, पिछले कुछ समय में हरियाणा में पार्टी ने तीसरी बार सत्ता में वापसी की है, जोकि बीजेपी की रणनीतिक सफलता का एक और उदाहरण है। इन सभी जीतों के बीच, विजय रूपाणी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है, विशेष रूप से पंजाब में पार्टी की मजबूती के लिए। अब यह देखना है कि महाराष्ट्र में विधायक दल के नेता का चयन किस प्रकार किया जाता है और विजय रूपाणी एवं निर्मला सीतारमण इस प्रक्रिया में किस प्रकार की भूमिका निभाने जा रहे हैं।

भविष्य में होने वाले राजनीतिक घटनाक्रम इस बात पर निर्भर करेंगे कि बीजेपी अपनी रणनीतियों को किस तरह आगे बढ़ाने का निर्णय लेती है। यह कदम न केवल महाराष्ट्र में बल्कि पूरे देश में बीजेपी की राजनीतिक दिशा को प्रभावित करने वाला हो सकता है, जिससे आगामी चुनावों के लिए पार्टी की स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।