पंजाब के अमृतसर में हाल ही में एक बड़ी ऑनलाइन ठगी का मामला उजागर हुआ है, जिसमें एक व्यक्ति ने अपने बैंक खाते से ढाई लाख रुपए से अधिक की राशि गंवाई है। यह मामला गुरदीप सिंह नामक पीड़ित से जुड़ा है, जो अमृतसर के बसंत एवेन्यू का निवासी है। घटना 2 नवंबर को हुई, जब उन्होंने होटल बुक करने के लिए गूगल पर खोज की। उम्मीद के विपरीत, जैसे ही उन्होंने एक मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, उनका फोन हैक कर लिया गया और उनके क्रेडिट कार्ड से पैसे निकाले गए।
गुरदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने होटल बुकिंग के लिए एक मोबाइल नंबर पर फोन किया, जिसके बाद ठग ने उनके फोन को हैक कर लिया। इसके फलस्वरूप, उनके एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड से 1.34 लाख रुपए तथा अमेरिकन एक्सप्रेस के अन्य कार्ड से क्रमशः 1,029 रुपए और 1,19,900 रुपए की राशि चोरी कर ली गई। इस प्रकार की ठगी ने कुल मिलाकर ₹2,54,929 का नुकसान किया। घटना की गंभीरता को देखते हुए साइबर क्राइम शाखा ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
पुलिस ने इस संदर्भ में एफआईआर नंबर 12 दर्ज की और मामले को धारा 318 (4) बीएनएस और 66-डी आईटी एक्ट के तहत पंजीकृत किया गया। इसके अलावा, अमृतसर के पुलिस कमिश्नर के आदेश पर मामले की जांच शुरू की गई है। पुलिस ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे ऑनलाइन होटल बुकिंग करते समय जागरूक रहें और अनजान फोन नंबरों पर जानकारी साझा न करें। फर्जीार वह प्रभावशाली उम्मीदवार के साथ संपर्क न करें और केवल विश्वसनीय और अधिकृत वेबसाइटों पर ही बुकिंग करने का प्रयास करें।
पंजाब में बढ़ते साइबर अपराधों के बीच यह घटना आम नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो रही है। पुलिस ने कहा है कि दोषियों को पकड़ने के लिए प्रयास जारी हैं और लोगों को इनाउंट की सावधानी बरतने की सलाह दी है। हाल के वर्षों में तकनीकी अपराधों में वृद्धि ने आम जनता की सुरक्षा के लिए कई चुनौतियाँ पैदा की हैं। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए लोगों को जागरूक रहना और सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के चलते लोगों को साइबर सुरक्षा के नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है। ठगों द्वारा अपनाए जाने वाले नए तरीकों को समझना और सतर्क रहना इस समय की आवश्यकता बन गया है। इसके साथ ही, साइबर अपराधों को रोकने के लिए संवेदनशीलता और जानकारी साझा करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की सक्रियता और नागरिकों की जागरूकता आवश्यक है, ताकि ऐसे मामलों में कमी लाई जा सके।