ग्रामीण स्तर पर हो प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन यूनिट का निर्माण : उपायुक्त
धर्मशाला, 21 नवंबर (हि.स.)। प्लास्टिक वेस्ट के सही प्रबंधन से कूड़ा निष्पादन से संबंधित अत्याधिक समस्याओं का समाधान हो सकता है। इसलिए प्लास्टिक वेस्ट के प्रबंधन को लेकर आज ग्रामीण स्तर से ही कार्य करने की जरूरत है। लोगों के बीच एक आम धारणा है कि प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन युनिट से क्षेत्र में गंदगी और दुर्गन्ध फैलती है, लेकिन दरअसल इसके संचालन से न गंदगी फैलती और न ही दुर्गन्ध। इससे केवल प्लास्टिक कूड़े को एकत्रित कर उसका उचित निष्पादन किया जाता है। ग्रामीण विकास से जुड़े तमाम अधिकारी इससे जुड़ी गलत धारणाओं को लेकर लोगों को जागरूक करें और गांवों में भूमि तलाश कर प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन युनिट का निर्माण सुनिश्चित करें।
जिला कांगड़ा के समस्त विकास खंडों में चल रहे विभिन्न कार्यों की समीक्षा के लिए वीरवार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने यह बात कही। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार सहित जिला के सभी खंड विकास अधिकारी तथा डीआरडीए, योजना और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। उपायुक्त ने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन युनिट को लेकर सभी अधिकारी गंभीर प्रयास करें और आने वाले महिनों में यह इकाइयां धरातल पर दिखनी चाहिए।
गांवों में हो लाइब्रेरी का निर्माण
डीसी ने कहा कि गांवों में अध्ययन के लिए कोई उपयुक्त स्थान या घरों में पर्याप्त जगह न होने के कारण हमारे बच्चे कई बार ठीक से स्वाध्याय नहीं कर पाते। गांव में रहने वाले युवाओं को अपने घर के नजदीक ही लाइब्रेरी या कोई अध्ययन स्थल मिल सके इसके लिए सबको काम करना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के लिए लाइब्रेरी और अध्ययन स्थल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में कोई अनुपयोगी सामुदायिक भवन उपलब्ध हो, वहां लाइब्रेरी शुरू कर सकते हैं और जहां स्थान उपलब्ध न हो वहां कोई स्थान या भूमि चिन्हित कर इनका निर्माण किया जाए।
इन योजनाओं की हुई समीक्षा
बैठक में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण), अमृत सरोवर, वॉटर शैड योजना, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन तथा प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। डीसी ने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को पंचायत स्तर पर समग्र मनरेगा पर विशेष फोकस करने को कहा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें। इसके अलावा डीसी ने अधिकारियों को अपना कांगड़ा मोबाइल ऐप की उपयोगिता को बढ़ाने और जन-जन तक इसको पहुंचाने की बात कही। इस दौरान जिले में पंचायतों के विकास से संबंधित सभी कार्यों पर सिलसिलेवार चर्चा करते हुए उनकी समीक्षा की गई।