पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव, विन्नी महाजन, जिनका नाम प्रशासनिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, ने हाल ही में सेवानिवृत्ति ली है। वह 37 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में कार्यरत रहीं। उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति की सूचना अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा, “मैं कल अपने राज्य पंजाब और भारत सरकार में अपने काम के 37 साल के संतोषजनक कार्यकाल के बाद IAS से सेवानिवृत्त हो गई हूं। मैं सभी का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मुझे समर्थन और अवसर दिए।”
विन्नी महाजन 1987 बैच की IAS अधिकारी हैं और उन्होंने पंजाब में मुख्य सचिव के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में 2020 में इस पद पर नियुक्त की गई थीं, जब करण अवतार सिंह को हटा दिया गया था। इस दौरान उनके पति, दिनकर गुप्ता, भी पंजाब के डीजीपी के पद पर कार्यरत थे। दोनों को देश का सबसे ताकतवर कपल माना जाता था। हालांकि, बाद में निर्वाचन से तीन महीने पहले चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया, जिसके पश्चात विन्नी महाजन को मुख्य सचिव की जिम्मेदारी से हटा दिया गया और अनिरुद्ध तिवारी को यह पद सौंपा गया। इसके बाद वह केंद्र सरकार में सेवारत रहीं।
विन्नी महाजन का जन्म पंजाब में हुआ था, और उनके पिता भी पंजाब कैडर के IAS अधिकारी थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से प्राप्त की, जहाँ उन्होंने आर्थिक मामलों में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) कोलकाता से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया और 2000-2001 में ह्यूबर्ट हम्फ्री फेलोशिप के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में अध्ययन किया।
उनकी प्रशासनिक यात्रा का आरंभ 1995 में हुआ, जब वह रोपड़ की पहली महिला डिप्टी कमिश्नर बनीं। इस भूमिका में रहते हुए, उन्होंने एक प्रभावशाली साक्षरता अभियान चलाया, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार मिला। बाद में, उन्होंने 2005 से 2012 तक प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्य किया, जहां उन्होंने वित्त, उद्योग, वाणिज्य, और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों का प्रभार संभाला। इस दौरान वह वैश्विक आर्थिक मंदी के समय भारत की आर्थिक स्थिति को स्थिर बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देती रहीं।
विन्नी महाजन की विदाई के साथ, पंजाब और केंद्र सरकार ने एक ऐसी अनुभवी अधिकारी को खो दिया है, जिन्होंने प्रशासनिक क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता से नई ऊंचाइयों को छुआ। उनके अनुभव और लगन ने कहीं न कहीं नई पीढ़ी के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनकी कार्यक्षमता और प्रशासनिक मूल्यांकन को हमेशा याद रखा जाएगा।