विजिलेंस ने दबोच निगम कर्मी: चुनावी जीत के लिए मांगे 50,000, रिकार्डिंग से पोल खुली!

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पंजाब के लुधियाना में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां विजिलेंस ब्यूरो ने नगर निगम के डेटा एंट्री ऑपरेटर गुरदीप सिंह उर्फ सनी को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी अमनदीप सिंह चंडोक की शिकायत के आधार पर की गई, जो हाल ही में पंचायती चुनाव में सरपंच पद के उम्मीदवार थे। गिरफ्तार आरोपी पर आरोप है कि उसने चंडोक के नामांकन पत्र में कमियां निकालने के लिए रिश्वत मांगी थी, जिससे उनके नामांकन को स्वीकृत किया जा सके।

अमनदीप चंडोक, जो एक प्रॉपर्टी सलाहकार और बिल्डर हैं, ने विजिलेंस ब्यूरो से संपर्क कर बताया कि गुरदीप सिंह ने उनसे रिश्वत की मांग की। चंडोक ने कहा कि आरोपी ने यह भी दावा किया कि वह रिटर्निंग ऑफिसर के साथ काम कर रहा है और उनके नामांकन पत्र में कुछ कमियां हैं, जिनको 10,000 रुपये की रिश्वत के बदले नजरअंदाज किया जा सकता है। इसके बाद, आरोपी ने पहले 5,000 रुपये की प्रारंभिक राशि स्वीकार की और फिर अन्य पंचायत सदस्य उम्मीदवारों की फाइलों के लिए 10,000 रुपये की और राशि मांगी।

आरोपों के अनुसार, गुरदीप सिंह ने चंडोक से उनकी चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त 50,000 रुपये की भी मांग की। दिलचस्प बात यह है कि चुनाव के बाद भी आरोपी ने चंडोक से मोबाइल फोन पर रिश्वत की मांग करना जारी रखा। शिकायतकर्ता ने इन वार्तालापों को अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लिया और सबूतों को विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया, जिसके आधार पर त्वरित जांच की गई। विजिलेंस एसएसपी रविंदरपाल सिंह संधू ने कहा कि अधिकारियों की एक टीम ने सफलतापूर्वक गुरदीप को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया, यह सब दो आधिकारिक गवाहों की उपस्थिति में हुआ।

इस मामले में आगे की जांच चल रही है, जिसमें यह पता लगाया जा रहा है कि आरोपी ने और कितनी बार और किन-किन अधिकारियों से रिश्वत ली है। विजिलेंस ब्यूरो ने लुधियाना रेंज में भ्रष्टाचार से संबंधित मामला दर्ज किया है, और इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। इस घटना ने न केवल स्थानीय राजनीति को बल्कि नागरिकों के विश्वास को भी प्रभावित किया है। यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार की इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

उम्मीद की जा रही है कि विजिलेंस ब्यूरो की कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा और सरकारी अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार को समाप्त करने में मदद मिलेगी। चंडोक की शिकायत ने यह दर्शाया है कि आम नागरिक भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं और वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आगे आए हैं। अब देखना यह है कि विजिलेंस ब्यूरो इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई कैसे की जाती है।