पंजाब के लुधियाना में कांग्रेस के जिला प्रधान संजय तलवाड़ की कार पर गोलीबारी का मामला अब तक अनसुलझा है। यह घटना एक महीने पहले हुई थी, जिसके बाद से पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की है, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। पुलिस ने 315 बोर के हथियारों की जांच की, जो इलाके में कई लोगों के पास थे, लेकिन ये प्रयास भी विफल रहे। अब पुलिस फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जिसमें कार से मिले बारूद के अवशेषों की जांच की जाएगी। यह जांच निर्धारित करेगी कि गोली किस दिशा से चली थी और उसकी दूरी कितनी थी।
पुलिस द्वारा संज्ञान में लिए गए इस मामले में सराभा नगर थाने की टीम ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की, लेकिन उन्होंने कहीं भी संदिग्ध गतिविधि नहीं देखी। संजय तलवाड़ की कार पर चलने वाली गोली ने पुलिस को एक पहेली में डाल दिया है, क्योंकि लुधियाना में ऐसा मामला कोई अकेला नहीं है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल के सुरक्षा गार्ड को गोली लगने वाला एक एक दशक पुराना मामला अभी भी सुलझा नहीं है, जिसमें दो साल के बच्चे की हत्या का मामला भी शामिल था। इन सभी मामलों में पुलिस ने निरंतर प्रयास किया है, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी है कि तलवाड़ के मामले में पुलिस की कई टीमें निरंतर जांच कर रही हैं। उन्होंने कैमरों के फुटेज की गहनतापूर्वक जांच की और इलाके में व्यापक तलाशी भी ली, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिल सका। अधिकारियों का मानना है कि संभवतः तलवार की कार पर गोली पास के विवाह स्थल से जश्न के दौरान चलाई गई होगी। चर्चा है कि गोली कांस्टेबल गुरविंदर सिंह को भी लगी थी, जो सुखबीर बादल की सुरक्षा में लगे हुए थे और 2015 में इस तरह की एक घटना का शिकार हुए थे।
लुधियाना के ये अनसुलझे मामले केवल तलवाड़ का मामला नहीं है, बल्कि शहर में इससे पहले भी कई आपराधिक घटनाएँ घटित हुई हैं। जैसे कि 14 अगस्त, 2021 को किराए के मकान की छत पर सोए हुए व्यक्ति को गोली लगने की घटना, या फिर 2018 में लोहड़ी के अवसर पर मांगने वाले चाचा के गोलीबारी से एक 21 वर्षीय युवती का हाथ जख्मी होना। इसी तरह की घटनाओं में से एक में दो साल की बच्ची भी गोली लगने से घायल हो गई थी। यह सब ऐसे मामले हैं जो लुधियाना में बढ़ती अपराधिक गतिविधियों का परिचायक हैं।
इन घटनाओं के पीछे एक गंभीर सवाल है कि आखिरकार यह क्यों हो रहा है? पुलिस और प्रशासन को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों को सुलझाया जा सके और लोगों में सुरक्षा का विश्वास बहाल किया जा सके। लुधियाना में लगातार बढ़ती हिंसा और फायरिंग की घटनाओं ने न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती दी है बल्कि समाज में भी डर का माहौल पैदा कर दिया है। यह समय है जब संबंधित अधिकारियों को समुचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आम जनता सुरक्षित रह सके।