पंजाब के संगरूर जिले में पुलिस ने पिछले कुछ समय से मोबाइल टावरों पर चोरी करने वाले एक गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एसएसपी सरताज सिंह चाहल ने इस मामले में जानकारी देते हुए कहा कि यह गिरोह विभिन्न जिलों में आरआरयू एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को निशाना बना रहा था। पुलिस को इस गिरोह के पकड़े जाने में सफलता तब मिली जब कप्तान पलविंदर सिंह चीमा और उप कप्तान दलजीत सिंह विर्क के मार्गदर्शन में सीआईए संगरूर की टीम ने छापेमारी की।
गिरोह के सदस्यों में लवप्रीत सिंह उर्फ अंडा, जश्नदीप सिंह उर्फ दीप, विक्की सिं, गुरसेवक सिंह उर्फ पीटर, बलकार सिंह उर्फ जामा और वीरपाल सिंह उर्फ वीरू शामिल हैं। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 2 देसी पिस्तौल, 6 कारतूस, एक स्कॉर्पियो, एक स्विफ्ट डिजायर कार जो बिना कागजात की थी, और Nokia कंपनी के 24 आरआरयू (4जी) तथा 87+64 किलोग्राम ऑप्टिकल फाइबर केबल बरामद किए हैं। इन सामग्रियों से स्पष्ट हो रहा है कि यह गिरोह काफी संगठित था और लंबे समय से अपनी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था।
एसएसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य संगरूर, पटियाला और मनसा जिलों में मोबाइल टावरों से आरआरयू और अन्य उपकरणों की चोरी को अंजाम दे चुके हैं। खास बात यह है कि अधिकांश आरोपी पूर्व में मोबाइल टावर कंपनियों में कार्यरत रह चुके हैं या फिर मोबाइल टावर पर काम करते रहे हैं। उनके इस अनुभव का लाभ उठाते हुए उन्होंने चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया। पूछताछ के दौरान वीरपाल सिंह उर्फ वीर से संबंधित फुल और रसीद पकड़ी गई है, जिससे यह भी पता चला है कि उसने पिछले मामले में आरोपी बनाया गया था।
पुलिस कार्रवाई से यह संदेश मिलता है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां न केवल चोरियों के मामलों को गंभीरता से ले रही हैं, बल्कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ कठोर कदम उठा रही हैं। एसएसपी सरताज सिंह चहल ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को इस प्रकार की गतिविधियों के बारे में जानकारी हो तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करें, ताकि ऐसे आपराधिक गिरोह को समाप्त किया जा सके और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस गिरफ्तारी के चलते उम्मीद जताई जा रही है कि मोबाइल टावरों पर चोरी की घटनाओं में कमी आएगी और स्थानीय व्यवसायों को सुरक्षा प्राप्त होगी। पुलिस की यह कार्रवाई अपराधियों के मन में डर पैदा करने वाली है और इसके माध्यम से यह संदेश भी गया है कि कानून का हाथ लंबा है और अपराध का स्थान चाहें जितना भी सुरक्षित क्यों न हो, अंततः वहां कानून की जीत होगी।