बठिंडा: थाने के मुंशी ने उड़ा ली जिंदगी! AK-47 से खुद को मारी गोली

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पंजाब के बठिंडा जिले के थाना सदर रामपुरा में एक अत्यंत दुखद घटना घटी है, जिसमें मालखाना के मुंशी सुखपाल सिंह ने AK-47 राइफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सोमवार को हुई, जब सुखपाल सिंह अपने सामान्य रूप से ड्यूटी पर उपस्थित हुआ। बताया गया है कि उन्होंने मालखाना के भीतर एके-47 के साथ आत्महत्या की। गोली चलने की आवाज सुनकर उसके साथी पुलिसकर्मी तत्क्षण वहां पहुंचे और उसे नजदीकी अस्पताल ले जाने का प्रयास किया। हालांकि, चिकित्सकों ने अस्पताल पहुंचने पर उसकी मौत की पुष्टि कर दी।

इस आत्महत्या की सूचना मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक अमनीत कोंडल ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि इस संदर्भ में जांच जारी है। उन्होंने कहा, “हम जानने की कोशिश कर रहे हैं कि सुखपाल सिंह ने आत्महत्या का कदम क्यों उठाया।” उनकी बातों से स्पष्ट होता है कि पुलिस इस घटना के पीछे के कारणों की गहराई से छानबीन कर रही है, ताकि इस गंभीर मामले का सही पहलू सामने आ सके।

सूत्रों के अनुसार, सुखपाल सिंह कुछ समय से थाना सदर रामपुरा में मालखाना मुंशी की जिम्मेदारी निभा रहा था। ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए आवश्यक है कि पुलिस प्रशासन मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल के तनाव को समझने के लिए ठोस उपाय अपनाए। हालांकि, इस समय पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है कि क्या सुखपाल सिंह के आत्महत्या के निर्णय के पीछे कोई खास कारण था।

किसी भी आत्महत्या की घटना ने समाज में चिंता और शोक का माहौल बना दिया है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपने आस-पास के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं या नहीं। क्योंकि कभी-कभी हम अपने करीबी लोगों के दर्द और समस्याओं को पहचानने में चूक जाते हैं। सुखपाल सिंह की आत्महत्या ने यह सिखाया है कि हमें एक-दूसरे के साथ अधिक संवेदनशील और समझदारी से पेश आना चाहिए।

इस प्रकार की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए संगठनों को फौरन कार्यवाहियों की आवश्यकता है। पुलिस विभाग के अंदर मानसिक स्वास्थ्य के विशेषज्ञों की नियुक्ति और काउंसलिंग सत्र आयोजित करना बेहद जरूरी है। जब तक हम इन पहलुओं पर ध्यान नहीं देंगे, तब तक इस प्रकार की घटनाओं का सिलसिला जारी रह सकता है।

अंततः, दुखद घटना ने हमें एक बार फिर यह याद दिलाया है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा है और हमें इससे निपटने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।