इंटर स्टेट साइबर गिरोह धरा गया: 5.25 करोड़ और एटीएम कार्ड बरामद

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लुधियाना पुलिस ने हाल ही में असम पुलिस के सहयोग से एक अंतरराज्यीय साइबर अपराध गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी गुवाहाटी में की गई, जहां गिरोह के ये सदस्य सक्रिय थे। इस मामले में कुल सात अन्य व्यक्तियों के नाम भी सामने आए हैं, जो जांच का हिस्सा हैं। पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने इस उपलब्धि की जानकारी मीडिया के माध्यम से साझा की और लोगों को इस संबंध में अपडेट किया।

पुलिस की जांच के अनुसार, आरोपियों के पास से महत्वपूर्ण सामान बरामद हुआ है, जिसमें विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और 5.25 करोड़ रुपए की नकदी शामिल है। यह राशि साइबर ठगी के द्वारा हासिल की गई थी। यह घटना यह दर्शाती है कि साइबर अपराध कितनी तेजी से फैल रहा है और इसकी रोकथाम के लिए संबंधित एजेंसियों का एक साथ आना कितना आवश्यक है।

डीजीपी गौरव यादव ने अपनी पोस्ट में कहा कि यह गिरफ्तारी उनके विभाग की एक बड़ी सफलता है और यह संकेत देती है कि पुलिस साइबर अपराधियों के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार करने का प्रयास किया जाएगा। इस घटना ने इसे स्पष्ट कर दिया है कि क्राइम नेटवर्क में शामिल लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

अंतरराज्यीय अपराधों का यह मामला सिर्फ लुधियाना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों की जानकारी देता है। साइबर ठगी के गिरोह विभिन्न तरीकों और तकनीकों का उपयोग करके लोगों को ठगने में माहिर होते हैं। ऐसे मामलों में जनता को सतर्क रहने की आवश्यकता है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए।

इस गिरफ्तारी के बाद लुधियाना पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि लोग अपने व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें और अनजान कॉल्स या संदेशों से सावधान रहें। साइबर ठगों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और सुरक्षा उपायों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। पुलिस का मानना है कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास ही सबसे प्रभावी समाधान हो सकता है।

इस गिरफ्तारी ने आम जनता को यह संदेश भी दिया है कि यदि वे सतर्क रहें और सावधानी बरतें, तो साइबर अपराधियों को रोकना संभव है। पुलिस की इस सक्रियता को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में भी गिरोहों के खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई होती रहेगी।