हरियाणा विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के इस्तीफे की चर्चा ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यद्यपि, भाजपा ने इस मामले में स्पष्टता दिखाई है और उन्हें अफवाह करार दिया है। इस बीच, पंजाब भाजपा ने 30 सितंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसका नेतृत्व भाजपा के प्रभारी विजय रूपाणी करेंगे। यह बैठक चंडीगढ़ में होगी और इसमें पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता शामिल होने की उम्मीद है। बैठक के दौरान आगामी पंचायत चुनाव और राजनीतिक गतिविधियों पर चर्चा की जाएगी।
सुनील जाखड़ ने भाजपा में दो साल पहले शामिल होने के बाद से काफी समय बिताया है। ज्ञात हो कि उन्होंने हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर प्रधान पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन भाजपा ने उन्हें अभी कमान संभालने को कहा था। अब जबकि पंचायत चुनाव और चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का समय समीप है, जाखड़ के इस्तीफे की खबरें और भी गंभीर हो गई हैं। इस संदर्भ में जाखड़ से संपर्क स्थापित किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। पंजाब भाजपा के जनरल सेक्रेटरी अनिल सरीन ने इस्तीफे को निराधार बताया और कहा कि जाखड़ ने इस्तीफा नहीं दिया है।
सूत्रों के अनुसार, जाखड़ केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को बनाए जाने से भी नाराज हैं। बिट्टू ने हाल के लोकसभा चुनाव में हार का सामना किया, फिर भी उन्हें राज्यसभा भेजा गया। इसके अलावा, जाखड़ पार्टी के कुछ कार्यप्रणालियों से भी नाखुश हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई बैठक में यह संकेत दिया था कि वे प्रधान पद से हटना चाहते हैं। वहीं, जुलाई महीने से ही जाखड़ पार्टी से दूरी बनाते जा रहे थे, हालाँकि वे भाजपा के सदस्यता अभियान में शामिल हुए थे।
पंचायती चुनाव की तैयारियों के चलते गुरुवार को पार्टी कार्यालय में बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन जाखड़ इसमें शामिल नहीं हुए। जब भाजपा के एक वरिष्ठ सदस्य ने इस संदर्भ में उनसे संपर्क किया तो उनका जवाब था कि वे आगे की किसी भी बैठक में भी भाग नहीं लेंगे। इससे पहले, जालंधर विधानसभा के उपचुनाव के बाद जाखड़ ने पार्टी के शीर्ष नेताओं को अपनी ख्वाहिश बताई थी कि वे अब अध्यक्ष पद पर नहीं रहना चाहते।
जाखड़ के इस्तीफे के पीछे कई कारक हो सकते हैं, क्योंकि उनका दृष्टिकोण पार्टी के अन्य नेताओं से भिन्न रहा है। उन्होंने चुनावों में भाजपा और अकाली दल के बीच गठबंधन का समर्थन किया था, परंतु यह विचार सफल नहीं हो सका। इसके अतिरिक्त, भाजपा के पुराने नेताओं के बीच भी उनके प्रति असहजता महसूस की जा रही है और जाखड़ का मानना है कि उन्हें अपने तरीके से काम करने का अवसर नहीं मिल रहा है। इस सबके बीच, पंजाब में 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियां जारी हैं।
पांच अक्टूबर से नॉमिनेशन प्रक्रिया शुरू होगी और चुनाव परिणाम भी 15 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने कोई सीट नहीं जीती, लेकिन इस बार पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। सुनील जाखड़ पर नजऱ डालते हुए, उनकी राजनीतिक यात्रा ने एक दिलचस्प मोड़ लिया है। उन्होंने 14 मई 2022 को कांग्रेस से इस्तीफा देकर 19 मई को भाजपा जॉइन की थी। जाखड़ अब देखना चाहते हैं कि क्या भाजपा उनके अनुभव का लाभ उठाएगी या वे खुद एक नई राह तय करेंगे।