लुधियाना रेलवे के सीआईटी इंचार्ज का अपहरण! चेकिंग स्टाफ ने डीसीएम को क्या बताया? जांच जारी

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लुधियाना रेलवे स्टेशन के सीआईटी इंचार्ज को बंधक बनाए जाने की एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि टिकट चेकिंग स्टाफ के कुछ सदस्यों ने एनआरएमयू (यूनियन) के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सीआईटी इंचार्ज रिपुदमन को लगभग 7 घंटे तक बंधक बना रखा। इस घटना के बाद टिकट चेकिंग स्टाफ ने फिरोजपुर डिवीजन के सीनियर डीसीएम को एक लिखित शिकायत सौंपी है, जिसके पश्चात मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।

मामले की जानकारी देते हुए टिकट चेकिंग स्टाफ के सदस्यों ने सीनियर डीसीएम को बताया कि बुधवार के दिन गौरव शर्मा और धर्मराज नामक यूनियन के कार्यकर्ताओं ने अपने अन्य साथी सहयोगियों के साथ मिलकर सीआईटी इंचार्ज को बंधक बना लिया। बताया जाता है कि इस दौरान सीआईटी इंचार्ज के साथ दुर्व्यवहार भी किया गया, जिसे लेकर स्टाफ में गहरा रोष दिखाई दे रहा है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें यूनियन के कुछ सदस्य सीआईटी इंचार्ज को बंधक बनाए हुए दिखाए जा रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर, यूनियन के कार्यकर्ताओं गौरव शर्मा और धर्मराज ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्होंने किसी को बंधक नहीं बनाया, बल्कि सीआईटी इंचार्ज से उनकी मांगों को लेकर बातचीत करनी चाही थी। उनका कहना है कि कोई भी दुर्व्यवहार नहीं हुआ और आरोप पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। यूनियन के सदस्यों ने यह भी कहा कि वे एक बंद कमरे में सीआईटी इंचार्ज से मिलकर वार्ता कर रहे थे और उस दौरान उन्हें इंचार्ज की ओर से उचित आश्वासन भी दिया गया था।

घटनाक्रम की गंभीरता को देखते हुए फिरोजपुर डिवीजन ने इस मामले की उचित जांच करने के उद्देश्य से एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी अगले तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंपेगी कार्यवाही की दिशा में इस रिपोर्ट के अध्ययन के बाद निर्णय लिया जाएगा। ऐसे मामले रेलवे सुरक्षा और कर्मचारी समानता का महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुके हैं, और इससे जुड़े सभी पक्षों के लिए यह आवश्यक है कि सत्यता पर आधारित कार्रवाई की जाए ताकि आगे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

इस घटना ने रेलवे कर्मचारियों के बीच असंतोष का माहौल बना दिया है और इस मामले की निष्पक्ष जांच के जरिए इसे सुलझाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कर्मचारियों और यूनियन के बीच वार्ता जारी रखने की आवश्यकता है, ताकि समस्याएं सुलझ सकें और सभी पक्षों को समुचित समाधान मिल सके।