पंजाब महिला आयोग की राष्ट्रपति से अपील: लॉ यूनिवर्सिटी के VC की बर्खास्तगी की मांग!

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पंजाब के पटियाला में स्थित राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (RGNUL) के वाइस चांसलर (VC) द्वारा छात्राओं के हॉस्टल में अचानक निरीक्षण और उनके पहनावे पर की गई टिप्पणियों के चलते हालात बिगड़ गए हैं। इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब पंजाब वुमेन कमीशन की चेयरपर्सन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर VC को तत्काल हटाने की मांग की। पत्र में आयोग ने बताया कि छात्राओं और मीडिया रिपोर्टों की शिकायतों के आलोक में यह कार्रवाई की गई है। इस साल 25 सितंबर को अन्य अधिकारियों के साथ आयोग ने विश्वविद्यालय का दौरा किया, जिसमें उन्हें घटनाओं की जानकारी मिली थी।

22 सितंबर को VC द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के गर्ल्स हॉस्टल के निरीक्षण ने छात्राओं के बीच तनाव पैदा कर दिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने न केवल छात्राओं के कमरों में प्रवेश किया, बल्कि उनके कपड़ों पर अपमानजनक टिप्पणियां भी कीं। इस व्यवहार को निजता का उल्लंघन माना गया और इससे छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा। आयोग ने VC के कार्यों को उनकी प्रशासनिक जिम्मेदारियों का उल्लंघन बताते हुए अस्वीकार किया है। उनका यह कदम महिला छात्राओं की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों पर सवाल उठाता है।

इस बीच, विश्वविद्यालय में 9 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था, जिसमें से तीन सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में परीक्षा नियंत्रक, छात्र कल्याण के डीन और एक सहायक प्रोफेसर शामिल हैं। हालांकि, रजिस्ट्रार का कहना है कि मामले में कुछ गलतफहमियां थीं और उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं किया गया। वहीं, दिल्ली स्टूडेंट्स के प्रदर्शन के दौरान गर्मी के कारण तीन छात्रों की तबियत बिगड़ गई। इसके चलते पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने छात्रों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं का समाधान करने के आश्वासन दिए।

हालात इस कदर बिगड़ गए कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने घोषणा की कि विश्वविद्यालय को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है, ताकि छात्राओं का कल्याण सुनिश्चित किया जा सके। छात्रों ने यह स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे अपना विरोध जारी रखेंगे। इस बीच, VC का कहना है कि वे छात्राओं की भलाई के लिए कदम उठा रहे थे और उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की गई थी। उनका उद्देश्य केवल गलत व्यवहार की जांच करना था।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने वाइस चांसलर की कार्रवाइयों को शर्मनाक बताया और महिला आयोग से सख्त कदम उठाने की अपील की। इसकी पृष्ठभूमि में छात्राओं के अधिकारों का उल्लंघन और उनके व्यक्तिगत स्पेस का सम्मान न किया जाना शामिल है। इस पूरे मामले ने न केवल छात्रों के बीच, बल्कि समाज में भी गंभीर चर्चा का विषय बना दिया है। अब यह देखना होगा कि किस प्रकार से यह मामला आगे बढ़ता है और क्या न्याय मिलता है।