फाजिल्का: थाने के बाहर हिंसक टकराव, पुलिस के खिलाफ और पक्ष में धरना, झड़पें शुरु!

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फाजिल्का में सदर थाने के बाहर दो समूहों के बीच तनाव बढ़ गया, जब दोनों पक्षों ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर अपना पक्ष रखा। एक समूह ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू की, जबकि दूसरे समूह ने पुलिस के समर्थन में जिंदाबाद के नारे लगाए। यह विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे झगड़े में बदल गया, जिसमें दोनों समूहों के बीच मारपीट की घटनाएं हुईं। इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिसने स्थिति को और तंग कर दिया। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर क्रॉस केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शुबेग सिंह ने बताया कि हरियाणा के गांव सुरेश वाला में करीब 20 दिन पहले एक गंभीर झगड़ा हुआ था। इस झगड़े में लगभग 40-50 लोग एक परिवार के घर में घुस आए थे और एक युवक को गंभीर रूप से घायल कर दिया था, जिसके चलते उसकी टांगें टूट गईं। वहीं, एक अन्य युवक को अपहरण कर उसकी पिटाई की गई। इन घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर गांव के लोग पुलिस प्रशासन के खिलाफ धरना दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ समूह उन्हें बेबुनियाद आरोपों से बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं और धरना स्थल पर उनकी उपस्थिति के दौरान उन्हें धक्का-मुक्की का सामना भी करना पड़ा।

वहीं, दूसरे पक्ष के गांव न्योला की महिला सरपंच के पति बलवीर सिंह ने कहा कि फाजिल्का पुलिस प्रशासन किसी भी प्रकार से गलत नहीं है। उनका कहना है कि विरोध करने वाले लोग बगैर किसी वजह के पुलिस पर दबाव डाल रहे हैं। बलवीर के अनुसार, जब उन्होंने विरोध प्रदर्शन में पुलिस के समर्थन में अपनी आवाज उठाई, तो धरना दे रहे लोगों ने उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की।

सदर थाना के एसएचओ नवदीप सिंह भट्टी ने बताया कि दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और सभी तथ्यों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि क्रॉस केस दर्ज करना एक आवश्यक कदम है ताकि सभी पक्षों को न्याय मिल सके। पुलिस प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि इस मामले में न्याय मिले और स्थिति को शांत किया जा सके।

इस स्थिति ने हिंसा और तनाव का एक नया अध्याय शुरू कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस के विरुद्ध और उसके पक्ष में अलग-अलग धारणाएं विकसित हो रही हैं। यह घटना न केवल क्षेत्र की शांति को प्रभावित कर रही है बल्कि समाज में खींचतान का भी सबब बन गई है। पुलिस का यह प्रयास है कि मामले को जल्दी सुलझाया जाए ताकि दोनों पक्षों के बीच की खाई को पाटा जा सके और कानून-व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।