पटियाला यूनिवर्सिटी: कपड़े उतारकर लड़कियों पर अश्लीलता! पुलिस ने छेड़ी जांच

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पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक अज्ञात व्यक्ति उनके सामने अश्लील हरकतें कर रहा है। छात्राओं द्वारा उठाए गए इस मामले के अनुसार, यह व्यक्ति रात के समय हॉस्टल से बाहर निकलने पर उन्हें देखकर भद्दे इशारे करता है। इस व्यक्ति ने पिछले लगभग 20 दिन से इन छात्राओं को मानसिक रूप से परेशान किया है। यह आरोपी यूनिवर्सिटी के अर्बन एस्टेट के पिछले गेट से परिसर में प्रवेश करता है और जैसे ही अंदर आता है, वह अपने कपड़े उतारने की हरकत शुरू कर देता है।

छात्राओं का आरोप है कि जब भी आसपास सुरक्षा कर्मी होते हैं, तब यह व्यक्ति अपने कपड़े पहन लेता है और एक साधारण आदमी के रूप में व्यवहार करता है। इस संदर्भ में शिकायत छात्राओं ने पिछले सप्ताह डीन स्टूडेंट वेलफेयर को की थी, जिससे मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने जांच शुरू करने का फैसला लिया है। उल्लेखनीय है कि आरोपी की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन उसकी पहचान और खोजने के प्रयास जारी हैं।

यूनिवर्सिटी की ओर से इस मामले की जांच के तहत लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी जांच की जा रही है ताकि आरोपी के बारे में और जानकारी जुटाई जा सके। डीन स्टूडेंट वेलफेयर मोनिका चावला ने बताया कि उनके पास इस संबंध में तीन अलग-अलग शिकायतें आई हैं। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि आरोपी की पहचान और उसे पकड़ने के लिए सुरक्षा अधिकारियों को निष्पक्ष रूप से जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इसके साथ ही, पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (एसएसपी) को इस मामले से अवगत कराया गया है, जिससे जल्द ही उचित कार्रवाई की जा सकेगी।

इस घटना पर सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के सदस्य निर्मलजीत सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कानून की कठोर कार्रवाई की मांग की है ताकि ऐसे कृत्यों को रोका जा सके और छात्राओं को सुरक्षा का एहसास हो सके।

इस तरह के मामलों के प्रति यूनिवर्सिटी प्रशासन की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई आवश्यक है, ताकि विद्यार्थियों के सम्मुख किसी भी प्रकार का खतरा न हो। छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें शैक्षणिक जीवन में कोई व्यवधान न आने देना, सभी के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। इस घटना ने न केवल छात्राओं के लिए चिंता का विषय बना दिया है, बल्कि विश्वविद्यालय के सुरक्षित माहौल पर भी सवाल उठाया है, जिसे समय-समय पर समीक्षा करने की आवश्यकता है।