मोहाली में नाबालिग ने रंजिश में दोस्त के पिता की हत्या, गिरफ्तारी पर सनसनी!

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मोहाली के जीरकपुर क्षेत्र के ढकोली इलाके में हुए एक दर्दनाक हत्या के मामले में महत्वपूर्ण विकास सामने आया है। मृतक 45 वर्षीय पेंटर मुकेश की हत्या का मुख्य आरोपी कोई और नहीं, बल्कि उसके बेटे का नाबालिग दोस्त है। पुलिस ने नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया है और उसे जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। डीएसपी जसपिंदर सिंह गिल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले की जानकारी साझा की।

हत्याकांड 22 सितंबर की रात को हुआ, जब मुकेश अपने घर लौट रहा था। रास्ते में उसकी मुलाकात उसके बेटे के नाबालिग दोस्त से हुई। दोनों के बीच पुरानी रंजिश के चलते विवाद उत्पन्न हो गया। गर्मागर्मी के दौरान, नाबालिग ने गुस्से में मुकेश पर ईंट और डंडों से हमला कर दिया। मुकेश गंभीर रूप से घायल हो गया, लेकिन उसने निरंतर हमले के बीच नाबालिग को धमकी दी कि “यदि मैं बच गया, तो तुझे नहीं छोड़ूंगा।” इस धमकी के बाद नाबालिग और भी आक्रामक हो गया और उसने मुकेश पर लगातार वार किए, जिससे मौके पर उसकी मौत हो गई।

हत्या के बाद, आरोपी ने मुकेश के शव को बरसाती नाले में फेंक दिया, ताकि यह मामला एक दुर्घटना के रूप में दिख सके। हालांकि, पुलिस ने फोरेंसिक जांच की सहायता से सच्चाई को सामने लाने में सफल रही। मुकेश की लाश मिलने के बाद पुलिस ने हत्या की गहराई से जांच शुरू की। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से खून के निशान और अन्य अहम साक्ष्य जुटाए। पुलिस को संदेह हुआ कि हत्या में नाबालिग किसी करीबी व्यक्ति की संलिप्तता हो सकती है।

पुलिस ने मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर नाबालिग की पहचान की और उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान, नाबालिग ने अपनी भूमिका स्वीकार की। इसके बाद, उसे मोहाली की जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया, जहां न्यायालय ने आरोपी को बाल सुधार गृह भेजने का आदेश दिया। पुलिस ने हत्या में उपयोग किए गए सभी उपकरणों, जैसे ईंट, डंडे और किरच को भी बरामद कर लिया है, जो इस मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्यों के रूप में काम करेंगे।

यह मामला समाज में बढ़ती हिंसा और नाबालिगों की मानसिकता पर गंभीर चिंता का विषय बन गया है। अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समुदाय में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। पुलिस मामले की पूरी गहराई से जांच कर रही है ताकि इस तरह की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।