सीएम मान की मां हरपाल कौर फरीदकोट में: गुरुद्वारों में मत्था टेका, खेल मुकाबले देखे!

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फरीदकोट में आज मुख्यमंत्री भगवंत मान की मां, हरपाल कौर ने विशेष धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया। उन्होंने गुरुद्वारा टिल्ला बाबा फरीद और माई गोदरी साहिब में जाकर मत्था टेका। यह आयोजन 12वीं सदी के प्रसिद्ध सूफी संत बाबा शेख फरीद के आगमन पर्व के उपलक्ष्य में किया गया। इस अवसर पर हरपाल कौर ने सभी श्रद्धालुओं को बाबा शेख फरीद के आगमन की शुभकामनाएं दीं और जोर देकर कहा कि हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। उनका यह वक्तव्य धार्मिक और समाजिक मूल्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक प्रयास था।

हरपाल कौर ने आगे बताया कि उनके बेटे, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान व्यस्तता के कारण फरीदकोट नहीं आ सके, लेकिन उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि उन्हें उन पवित्र स्थानों पर जाने का अवसर मिला, जहां बाबा शेख फरीद ने अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण क्षण बिताए थे। इस संदर्भ में, हरपाल कौर का अनुभव इस बात को दर्शाता है कि धार्मिक स्थल की पवित्रता और वहां की ऐतिहासिकता कितनी महत्वपूर्ण है।

प्रवेश के बाद, हरपाल कौर ने एक पुस्तक मेले में भाग लिया, जहां उन्होंने आयोजित बास्केटबॉल और कुश्ती के प्रतियोगिताओं को देखा। यह न केवल खेलों को बढ़ावा देने का एक अवसर है, बल्कि यह युवाओं को एकजुट करने और सामुदायिक भावना को मजबूत करने का भी एक माध्यम है। ऐसी गतिविधियाँ न केवल मनोरंजन का साधन होती हैं, बल्कि लोगों में प्रतियोगिता की भावना भी जागृत करती हैं।

इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित जन प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जिनमें विधायक गुरदित सिंह सेखों और उनकी पत्नी बीबी बेअंत कौर सेखों, एस.एस.पी. प्रज्ञा जैन, और विभिन्न मार्केट कमेटी के चेयरमैन शामिल थे। सभी ने मिलकर इस धार्मिक पर्व को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई। यह एक सामूहिक प्रयास था जो दर्शाता है कि धर्म और संस्कृति के आयोजनों में स्थानीय समुदाय कितनी सक्रियता से भाग लेता है।

सारांश में, हरपाल कौर का यह धार्मिक कार्यक्रम न केवल श्रद्धा और आस्था का प्रतीक था, बल्कि यह स्थानीय समुदाय के एकता और सक्रियता का भी द्योतक है। बाबा शेख फरीद की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार और उनका अनुसरण करना आज के समय की आवश्यकता है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को असीमित ज्ञान और नैतिक शिक्षा प्राप्त हो सके।