बठिंडा के भुच्चो मंडी में एक नृशंस हत्या के मामले में पुलिस का कार्रवाई करना एक नई मोड़ ले लिया है। हाल ही में, पुलिस जब आरोपी नरेश बांसल को उसके घर लेकर आई, तो मृतका ममता बांसल के परिजनों ने व्यापक हंगामा किया। पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी और मृतका के साथ नरेश की लव मैरिज के सबूत इकट्ठा करने के लिए की गई थी। गौरतलब है कि 20 सितंबर को नरेश ने अपनी मां और कथित प्रेमिका के साथ मिलकर अपनी पत्नी ममता का गला घोंटकर हत्या कर दी थी और बाद में इसके लिए आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया था।
परिजनों का आरोप है कि नरेश को गिरफ्तार करने के बावजूद पुलिस उसे विशेष साफ़-सुथरे तरीके से रख रही है। शिकायतकर्ता राजकुमार उर्फ राजू, जो ममता का पिता है, ने दावा किया कि हत्या के आरोपी को रात में उसके घर लाकर खाना खिलाने की अनुमति दी जा रही है, जो गले नहीं उतरता। राजू ने कहा कि जब पुलिस ने नरेश को फिर से उनके घर लाने का प्रयास किया, तो उनका विरोध किया गया और इसके बाद पुलिस ने नरेश को वापस ले जाने का निर्णय लिया। इस प्रकार की विशेष सुविधा देने को लेकर परिवार में भारी असंतोष है, जिसमें उन्होंने इसे वीआईपी ट्रीटमेंट का नाम दिया।
इस विवाद में थाना नथाना के इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह ने कहा कि परिवार द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस नरेश को उसके घर जरूर लेकर गई थी, जहां से हत्या में उपयोग किया गया कपड़ा बरामद किया गया। साथ ही, नरेश ने भी अपने विवाह के सबूत स्वरूप कुछ तस्वीरें पेश की थीं, जिन्हें पुलिस ने इकट्ठा किया। ऐसे में इंस्पेक्टर ने इन सबूतों का महत्व बताया और कहा कि सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से यह देखा जा सकता है कि पुलिस का व्यवहार किसी विशेष ढंग से किया जा रहा है या नहीं।
यह मामला न केवल स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर प्रश्न उठा रहा है बल्कि उसमें पारिवारिक संघर्ष तथा न्याय की स्थिति पर भी गंभीर चर्चा का विषय बना हुआ है। परिवार के सदस्य अब भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या सच में उनके साथ न्याय होगा या फिर आरोपी को विशेष लाभ प्राप्त होगा। बठिंडा में इस हत्या के मामले ने न केवल अपराध के गंभीर पहलुओं को उजागर किया है बल्कि सही कार्यवाही सुनिश्चित करने को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। पुलिस अब भी अपने दावों को सिद्ध करने के लिए सबूत जुटाने में लगी हुई है।