विभिन्न घटनाओं से निपटने के लिए चमोली में किया गया मॉक अभ्यास

Share

गोपेश्वर, 02 मई (हि.स.)। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में चमोली जिले में गुरुवार को मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध होने, वाहन दुर्घटना, आग लगने की घटना और भगदड़ जैसी स्थिति से निपटने का मॉक अभ्यास किया गया।

जिला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से गुरुवार को सुबह 10 बजकर 7 मिनट पर भारी बारिश के कारण बाजपुर के पास बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा आने से सड़क बाधित होने की सूचना प्रसारित की गई। सूचना मिलने पर रिस्पांसिबल ऑफिसर विवेक प्रकाश और आईआरएस से जुड़े अधिकारी तत्काल कंट्रोल रूम पहुंचे। एनएचआईडीसीएल, जल संस्थान, पूर्ति विभाग, पुलिस, तहसील प्रशासन की टीम को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। ट्रैफिक को नंदप्रयाग-कोठियालसैंण मोटर मार्ग से डायवर्ट करते हुए एनएच खोलने का काम शुरू किया गया। प्रशासन की ओर से यात्रियों को जलपान एवं पेयजल की व्यवस्था की गई। करीब 40 मिनट में बाजपुर में मलबा हटाकर सड़क को यातायात के लिए सुचारू किया गया।

दूसरी घटना में सुबह 10.12 बजे गोपेश्वर स्थित प्रसार प्रशिक्षण केंद्र रोली ग्वाड के कार्यालय और हॉस्टल में आग लगने की सूचना प्रसारित की गई तथा भवन में करीब 20 लोगों के फंसे होने की सूचना दी गई। एसडीएम चमोली के नेतृत्व में अग्निशमन, पुलिस, मेडिकल, यूपीसीएल, लोनिवि एवं जल संस्थान विभाग के अधिकारियों की टीम संसाधनों के साथ घटनास्थल के लिए रवाना की गई। घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। प्रसार प्रशिक्षण केंद्र में चार व्यक्ति थे, जिन्हें सुरक्षित निकाला गया तथा हॉस्टल में घायल दो व्यक्तियों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया। दमकल वाहन की मदद से भवन में लगी आग को बुझाया गया।

मॉक अभ्यास के तहत तीसरी घटना में सुबह 10.27 बजे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गौचर के समीप चटवापीपल के पास एक मिनी बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिरने से दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना प्रसारित की गई। जिसमें 20-25 लोग घायल बताए गए। एसडीएम कर्णप्रयाग के नेतृत्व में एसडीआरएफ, आईटीबीपी, डीडीआरएफ, मेडिकल, एंबुलेंस, पूर्ति विभाग के अधिकारियों की टीम घटनास्थल के लिए रवाना की गई। घटनास्थल पर पहुंचते ही टीम ने रेस्क्यू आपरेशन शुरू किए। खाई में गिरे वाहन में 14 लोग सवार दिखाए गए, जिसमें चार घायलों को पीएचसी गौचर भेजा गया। अन्य यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।

चौथी घटना में सुबह 10.35 बजे गोविन्द घाट में नदी का जल स्तर बढ़ने की अफवाह से भगदड़ की सूचना प्रसारित की गई। सूचना मिलने पर तहसीलदार जोशीमठ की निगरानी में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीपी, बीआरओ, मेडिकल एवं नगर पंचायत के कार्मिकों की टीम घटनास्थल के लिए रवाना की गई। रेस्क्यू टीम ने भगदड़ में गिरे घायल लोगों का रेस्क्यू शुरू किया। पुलिस ने पीए सिस्टम के माध्यम से शांति बनाए रखने और अफवाह पर ध्यान न देने की सूचना प्रसारित कर भीड़ को भरोसा में लिया। यात्रियों की सुविधा के लिए राहत शिविर, सहायता केंद्र और मेडिकल पोस्ट लगाकर राहत पहुंचाई गई। करीब 15 मिनट में हालात सामान्य हुए। भगदड़ में 12 घायल लोगों को पीएचसी भेजा गया। मॉक अभ्यास के बाद रेस्क्यू टीमों से उनके अनुभव लिए गए।