स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में 12 साल बाद केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची, फैसले में संशोधन की मांग

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नई दिल्ली, 22 अप्रैल (हि.स.)। केंद्र सरकार ने स्पेक्ट्रम आवंटन मामले को 12 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच से सामने मेंशन किया है। सरकार की ओर से अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने केंद्र की अर्जी पर सुनवाई की मांग की। चीफ जस्टिस ने अटार्नी जनरल से कहा कि आप मेल भेज दीजिए, हम देखते हैं।

दरअसल, 2012 के टू-जी मामले में दिए गए फैसले में संशोधन करने की मांग की गई है। अटार्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वे कुछ मामलों में टू-जी लाइसेंस देना चाहते हैं। उनकी इस मांग का वकील प्रशांत भूषण ने विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर आदेश जारी करते हुए कहा था कि सभी प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन नीलामी के जरिए किया जाए। 2 फरवरी, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों को आवंटित किए गए लाइसेंस निरस्त करते हुए ये आदेश दिया था।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत/दधिबल

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स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में 12 साल बाद केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची, फैसले में संशोधन की मांग

Centre moves SC seeking modification of 2012 2G verdict

नई दिल्ली, 22 अप्रैल (हि.स.)। केंद्र सरकार ने स्पेक्ट्रम आवंटन मामले को 12 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच से सामने मेंशन किया है। सरकार की ओर से अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने केंद्र की अर्जी पर सुनवाई की मांग की। चीफ जस्टिस ने अटार्नी जनरल से कहा कि आप मेल भेज दीजिए, हम देखते हैं।

दरअसल, 2012 के टू-जी मामले में दिए गए फैसले में संशोधन करने की मांग की गई है। अटार्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वे कुछ मामलों में टू-जी लाइसेंस देना चाहते हैं। उनकी इस मांग का वकील प्रशांत भूषण ने विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर आदेश जारी करते हुए कहा था कि सभी प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन नीलामी के जरिए किया जाए। 2 फरवरी, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों को आवंटित किए गए लाइसेंस निरस्त करते हुए ये आदेश दिया था।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत/दधिबल

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स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में 12 साल बाद केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची, फैसले में संशोधन की मांग

Centre moves SC seeking modification of 2012 2G verdict

नई दिल्ली, 22 अप्रैल (हि.स.)। केंद्र सरकार ने स्पेक्ट्रम आवंटन मामले को 12 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच से सामने मेंशन किया है। सरकार की ओर से अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने केंद्र की अर्जी पर सुनवाई की मांग की। चीफ जस्टिस ने अटार्नी जनरल से कहा कि आप मेल भेज दीजिए, हम देखते हैं।

दरअसल, 2012 के टू-जी मामले में दिए गए फैसले में संशोधन करने की मांग की गई है। अटार्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वे कुछ मामलों में टू-जी लाइसेंस देना चाहते हैं। उनकी इस मांग का वकील प्रशांत भूषण ने विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर आदेश जारी करते हुए कहा था कि सभी प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन नीलामी के जरिए किया जाए। 2 फरवरी, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों को आवंटित किए गए लाइसेंस निरस्त करते हुए ये आदेश दिया था।