नई दिल्ली, 08 अप्रैल (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को 2006 फर्जी मुठभेड़ मामले में राहत दी है। जस्टिस ऋषिकेश राय की अध्यक्षता वाली बेंच ने प्रदीप शर्मा को इस मामले में सरेंडर करने से अगले आदेश तक छूट दे दी है।
कोर्ट ने शर्मा को अगले आदेश तक सरेंडर करने पर रोक लगाते हुए कहा कि उन्हें 2006 के फर्जी मुठभेड़ में दी गई आजीवन कारावास की सजा के मामले में अगले आदेश तक सरेंडर करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च के बांबे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ शर्मा की ओर से दाखिल अपील को स्वीकार करते हुए इस मामले में प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मामला 11 नवंबर 2006 का है, जिसमें एक पुलिस टीम ने नवी मुंबई के वाशी इलाके से रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया को उनके दोस्त अनिल भेड़ा के साथ उठाया और उसी शाम पश्चिमी मुंबई के वर्सोवा के पास एक फर्जी मुठभेड़ में उन्हें मार डाला। इस फर्जी मुठभेड़ के आरोप में हाई कोर्ट ने 12 पूर्व पुलिसकर्मियों और एक अन्य व्यक्ति की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था।