विश्व कल्याण महायज्ञ के बीसवें दिन शुक्लयजुर्वेद का स्वाहाकार प्रारम्भ

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महायज्ञ से समाज में सामंजस्य एवं शुद्ध वातावरण का निर्माण होगा : प्रो बिहारी लाल शर्मा

वाराणसी, 01 अप्रैल (हि.स.)। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में संवत्सराव्यापी चतुर्वेद स्वाहाकार विश्व कल्याण महायज्ञ के बीसवें दिवस सोमवार को ऋग्वेद संहिता का स्वाहाकार पूर्ण होने के पश्चात शुक्लयजुर्वेद का स्वाहाकार प्रारम्भ हुआ।

यज्ञ के आचार्य डॉ. विजय कुमार शर्मा ने बताया कि वर्तमान में चारों ओर फैल रहे वायरल के प्रकोप को शांत करने के लिए शुक्ल यजुर्वेद के अंतर्गत महामारी निवारण मन्त्रों का विशेष रूप से प्रयोग किया गया। साथ ही सामवेद एवं अथर्ववेद के भी कतिपय मन्त्रों से आहुति दी गई।

वेद विभागीय शोध छात्र आदर्श मिश्र ने सपत्नीक यजमान के दायित्वों का निर्वहन किया। इसके पूर्व वाराणसी एवं अन्य जनपदों से भी जनमानस 12 मार्च 2024 से निरन्तर चल रहे महायज्ञ में सहभाग कर चुके हैं।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारीलाल शर्मा ने यज्ञ के निर्विघ्नता से संचालन करने के लिए वेद विभागीय आचार्यों एवं छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि इस यज्ञ के प्रभाव से अवश्य ही समाज में सामंजस्यता स्थापित होगी। और सकारात्मक ऊर्जा का संचरण एवं प्रदूषण मुक्त (शुद्ध वातावरण) वातावरण का निर्माण होगा।

वेद विभागाध्यक्ष प्रो. महेंद्र पाण्डेय ने बताया कि य़ह महायज्ञ वेद विभाग के अंतर्गत विश्वविद्यालय विकास समिति के सौजन्य से यज्ञशाला में आयोजित किया जा रहा है। इस महायज्ञ के माध्यम से वेद विभाग के विद्यार्थियों को प्रायोगिक ज्ञान भी प्राप्त हो रहा है। इसमें विज्ञान का रहस्य भी निहित है।