नोएडा के रियल स्टेट सेक्टर को बजट से काफी उम्मीदें हैं। इस सेक्टर से जुड़े बिल्डरों की मांग है कि रियल स्टेट को उद्योग का दर्जा दिया जाए। इससे लोन आसानी व अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी, इससे यह क्षेत्र रफ्तार पकड़ेगा। इसके अलावा खरीदारों को लोन के ब्याज में छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक रुपए तक करने की मांग की है।
इस समय नोएडा-ग्रेटर नोएडा का रियल स्टेट सेक्टर खराब दौर से गुजर रहा है। वर्ष 2009-10 में अपनी परियोजना लांच करने वाले बिल्डर अभी तक उनको पूरा
नहीं कर सके हैं। पुराने खरीदार फ्लैट पाने के लिए धक्के खा रहे हैं, अगले तीन-चार साल में मिलने की उम्मीद है। नोएडा-ग्रेनो में ढाई से तीन लाख लोगों को
दस साल बाद भी फ्लैट नहीं मिले हैं। फ्लैटों के नए खरीदार भी नाममात्र को आ रहे हैं।
बिल्डरों का कहना है कि वर्ष 2010 में यहां का रियल सेक्टर बूम पर था और 50 से अधिक बड़े-छोटे बिल्डर काम कर रहे थे अब 10 साल बाद उनकी संख्या घटकर नाममात्र की रह गई है। जिले के चारों बड़े बिल्डर जेपी, आम्रपाली, यूनिटेक व थ्री सी समेत सभी बिल्डर खराब दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में रियल सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए बिल्डरों को बजट में केंद्र सरकार से कई उम्मीदे हैं। बिल्डरों का कहना है कि कृषि के बाद देश में रियल स्टेट सबसे ज्यादा रोजगार देता है।
ये भी हैं उम्मीदें
- अफोर्डेबेल हाऊसिंग में न्यूनतम अलटरनेटिव टैक्स लिया जा रहा है। इसको पूरी तरह समाप्त किया जाना चाहिए
- काम पूरे होने के दो साल में सभी फ्लैट बिक जाने चाहिए। ऐसा नहीं होने पर मान लिया जाता है कि बिल्डर ने फ्लैट किराए पर दे रखे हैं। इस पर लगने वाले टैक्स को समाप्त किया जाना चाहिए
- बिल्डरों को परियोजना के लिए इनपुट क्रेडिट का लाभ दिया जाना चाहिए। इससे परियोजना की लागत कम आएगी और खरीदारों को कम कीमत पर फ्लैट मिल सकेंगे।
- 25 हजार करोड़ के स्ट्रेस फंड के अलावा बिल्डरों को बूस्टर पैकेज भी दिया जाना चाहिए। इसके तहत चल रहे पुराने लोन का री-स्ट्रक्चरिंग किया जाना चाहिए ताकि बिल्डरों को फायदा मिल सके।
किसको कितनी उम्मीद
रियल स्टेट सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिए जाने की बहुत जरूरत है। इससे सरकारी बैंकों से लोन मिलना समेत कई अन्य सुविधाएं मिल जाएंगी। इससे यह सेक्टर रफ्तार पकड़ सकेगा। प्रशांत तिवारी, अध्यक्ष, क्रेडाई पश्चिमी उत्तर प्रदेश
ऑनलाइन सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू होना चाहिए। अभी अलग-अलग जगह 127 अनुमति लेनी पड़ती है। ऑनलाइन सुविधा मिलने से बिल्डरों को काफी सहूलियत मिलेगी। अतुल मोदी, उपाध्यक्ष, क्रेडाई, पश्चिमी उत्तर प्रदेश
होम लोन के ब्याज पर टैक्स में छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने की जरूरत है। टैक्स बचने पर नए खरीदार आएंगे जिससे रियल सेक्टर में उछाल
आएगा। री-पैमेंट की सीमा भी बढ़ाई जानी चाहिए। सुरेश गर्ग, सदस्य, क्रेडाई, पश्चिमी उत्तर प्रदेश
एक ही नाम से दूसरा फ्लैट खरीदने पर भी होम लोन के ब्याज पर टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। इससे फ्लैट खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हो सकेगा। नवनीत कुमार सरीन, फ्लैट खरीदार