आंध्र प्रदेश के ग्राम और वार्ड सचिवों की चुनाव कार्य में सेवा लेने से रोकने की याचिका पर सुनवाई से इनकार

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`याचिका पर सुनवाई का उचित फोरम आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट’

नई दिल्ली, 12 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के ग्राम और वार्ड सचिवों व स्वयंसेवकों को मतदाता सूची बनाने और चुनाव कार्यों में सेवा लेने से रोकने का निर्वाचन आयोग को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई का उचित फोरम आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट है।

यह याचिका सिटिजंस फॉर डेमोक्रेसी की ओर से इसके सचिव और आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त एन रमेश कुमार ने दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश के ग्राम और वार्ड सचिव और स्वयंसेवक वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हैं। याचिका में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को भी पक्षकार बनाया गया था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि चूंकि इस मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को पक्षकार बनाया गया है, इसलिए दिल्ली हाई कोर्ट जैसे किसी निष्पक्ष फोरम में सुनवाई जरूरी है। याचिकाकर्ता की इस दलील को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।

याचिका में कहा गया था कि आंध्र प्रदेश सरकार राज्य के लोगों का गैरकानूनी तरीके से आंकड़ा एकत्र कर रही है। राज्य सरकार इन आंकड़ों का उपयोग मतदाता सूची से लोगों का नाम जोड़ने या हटाने में कर सकती है। इससे पहले याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका हाई कोर्ट में दायर करने को कहा था। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ये कहीं नहीं कहा है कि याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की जाए, आप आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट जाइए।