हिंडन एयरपोर्ट के पास आवास विकास परिषद की अजंतापुरम योजना का काम कल 26 जनवरी से भी शुरू नहीं हो पाएगा। जमीन के लिए 70 फीसदी किसानों की सहमति नहीं मिल पाई है। इससे योजना के अंदर सीवर और सड़कों के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े काम शुरू नहीं हो पा रहे हैं। परिषद अधिकारियों के मुताबिक, कुछ बड़े किसानों ने अब तक सहमति देने में रुचि नहीं दिखाई है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। किसान कोर्ट का फैसला अपने पक्ष में आने की उम्मीद लगा रहे हैं। इस संबंध में परिषद की ओर से 7 जनवरी को बुलाई गई बैठक में भी काफी किसान नहीं पहुंचे थे। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि वे हाई कोर्ट में लंबित मामले में विभागीय लीगल सेल से बात कर रहे हैं। कोशिश है कि इसमें जल्द निर्णय हो सके।
20 साल से फंसी है योजना
किसानों से मुआवजे को लेकर विवाद के कारण अजंतापुरम योजना करीब 20 साल से फंसी हुई है। इस योजना में किसानों को लैंड पूलिंग पॉलिसी का लाभ मिलेगा। किसानों को उनकी जमीन का 25 फीसदी हिस्सा विकसित कर लौटाया जाएगा। बाद में योजना में जमीन देने वाले किसानों ने अधिग्रहण का विरोध शुरू कर दिया। परिषद की तरफ से 90 करोड़ रुपये मुआवजा प्रशासन को जमा कराया गया था, लेकिन ज्यादातर किसानों ने मुआवजा लिया ही नहीं। किसान बढ़े मुआवजे की मांग कर रहे थे।
315 एकड़ की है योजना
आवास विकास परिषद की अजंतापुरम (तत्कालीन लोनी रोड गृहस्थान) योजना में 1990 में परिषद ने जमीन अधिग्रहित करनी शुरू की थी। करीब 315 एकड़ की योजना में 115 एकड़ जमीन किसानों की है। करीब 200 एकड़ जमीन सहकारी समितियों से ली गई थी।
परिषद की शुरुआती प्लानिंग
लैंड पूलिंग स्कीम में शामिल होने के लिए अब तक 40 फीसदी किसानों की तरफ से सहमति मिल गई है। परिषद अपने हिस्से की करीब 30 एकड़ जमीन पर रेजिडेंशल, इंस्टिट्यूशनल और कमर्शल स्कीम लाएगा। यहां वन, टू और थ्री बीएचके वाली 4 मंजिला इमारत बनाए जाने की योजना है।