छात्र बोले-जारी है वीसी का बहिष्कार,जेएनयू प्रशासन का दावा-हालात सामान्य

Share

नई दिल्ली । जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने दावा किया है कि अब विश्वविद्यालय में पूरी तरह से शांति स्थापित की जा चुकी है। इसके साथ ही प्रशासन का दावा है कि 14 जनवरी से विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक व प्रशासनिक केंद्रों में सामान्य कामकाज शुरू हो गया है। हालांकि प्रशासन के इस दावे के ठीक विपरीत छात्रों ने जेएनयू में एक जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई। छात्रों की जनरल बॉडी मीटिंग में एक बार फिर जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार के बहिष्कार का प्रस्ताव पास किया है।

जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार का कहना है कि मंगलवार 14 जनवरी से विश्वविद्यालय के शैक्षणिक व प्रशासनिक खंडों में सामान्य कामकाज शुरू हो चुका है। रजिस्ट्रार का यह भी दावा है कि शीतकालीन सत्र के लिए छात्रों के पंजीकरण की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही रजिस्ट्रार का कहना है कि जो छात्र हॉस्टल छोड़ कर जा चुके थे, वह भी अब विश्वविद्यालय वापस लौट आए हैं।

रजिस्ट्रार के मुताबिक, इंटरनेशनल एकेडमिक डेलिगेशन भी शोध कार्य के लिए विश्वविद्यालय परिसर पहुंचा है।

जेएनयू प्रशासन जहां विश्वविद्यालय में पूरी तरह शांति व कामकाज सामान्य होने का दावा कर रहा है, वहीं जेएनयू के सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग और स्कूल आफ सोशल साइंस के छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में ही जनरल बॉडी मीटिंग की है। इस दौरान 4 प्रस्ताव पास किए गए। इनमें सबसे अहम प्रस्ताव विश्वविद्यालय कुलपति का बहिष्कार जारी रखना है। इसके अलावा एक अन्य प्रस्ताव के तहत 5 जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा के लिए छात्रों ने कुलपति को जिम्मेदार ठहराया है।

जनरल बॉडी मीटिंग में यह भी तय किया गया कि छात्रसंघ आगे की लड़ाई के लिए कोई कानूनी रास्ता इख्तियार करें। छात्रों का मानना है की पढ़ाई अनिश्चितकालीन अवधि के लिए निलंबित नहीं की जा सकती। इसलिए छात्र बढ़ी हुई फीस वह हॉस्टल चार्जेस में वृद्धि का मुद्दा कानूनी तौर पर हल करना चाहते हैं। छात्रों का कहना है की कुलपति के खिलाफ भी कानूनी विकल्प तलाशने चाहिए। छात्रों ने इस मीटिंग में यह भी तय किया कि मानसून सत्र की परीक्षाएं इसी माह जनवरी तक करा ली जाए।