21HREG150 स्वामित्व योजना से लोगों को मिल रही विवादों से मुक्ति
मेरठ, 21 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय भूमि के विवाद को कम करने के लिए लाई गई स्वामित्व योजना कारगर साबित हो रही है। योजना के तहत डिजिटल अभिलेख तैयार हो रहे हैं और लोगों को अपनी आवासीय जमीनों की घरौनियां मिल रही हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय संपत्तियों के स्वामित्व को लेकर आए दिन विवाद होते हैं। इस कारण झगड़े, फसाद तक हो जाते हैं। खेती की जमीन के स्वामित्व के लिए किसानों के पास खतौनी होती है, लेकिन आवासीय जमीन के स्वामित्व का अभी तक कोई ऐसा प्रमाण नहीं होता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में व्याप्त इस समस्या को समझा और स्वामित्व योजना शुरू की। स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन से सर्वे कराकर आवासीय भवनों के मानचित्र तैयार कर डिजिटल अभिलेख तैयार किए जा रहे हैं। इसके बाद ग्रामीणों को उन आवासीय भवनों की घरौनियां वितरित की जा रही हैं। इससे लोगों को अपनी पैतृक संपत्तियों का स्वामित्व प्रमाण पत्र मिल रहा है। यह महत्वाकांक्षी योजना लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रही है। घरौनियां लेने वाले लोग इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दे रहे हैं।
मेरठ में तेजी से चल रहा योजना पर काम
मेरठ जनपद में स्वामित्व योजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसमें 25 टीमें गांवों का सर्वे करने में जुटी हैं। 21 महीने से योजना पर कार्य चल रहा है। जिला प्रशासन ने आगामी छह माह में इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मेरठ जनपद में 499 गांवों में मानचित्र सही तैयार हुए हैं। 35 गांवों के मानचित्र में गड़बड़ी हुई। मेरठ सदर तहसील क्षेत्र के 273 गांवों में यह कार्य चल रहा है। इसी तरह से मवाना तहसील के 310 गांव और सरधना तहसील क्षेत्र के 145 गांवों में कार्य चल रहा है। मेरठ तहसील में 202 आबाद और 71 गैर आबाद गांव हैं। इनमें से 200 गांवों का सर्वे पूरा हो चुका है। मवाना तहसील में 226 आबाद और 84 गैर आबाद गांव हैं। यहां 211 गांवों का सर्वे पूरा हो चुका है। इसी तरह से सरधना तहसील में 125 आबाद और 20 गैर आबाद गांव हैं, जबकि सरधना तहसील में 123 गांवों का सर्वे पूरा हुआ है।
मेरठ जनपद में अभी तक कुल 104310 डिजिटल अभिलेख तैयार हुए हैं। अभी तक 80 प्रतिशत अभिलेख तैयार हो गए हैं। 75 प्रतिशत अभिलेखों का वितरण किया जा चुका है। जनपद की मेरठ सदर तहसील में 39359 डिजिटल अभिलेख तैयार हुए हैं, जबकि मवाना तहसील में 33722 डिजिटल अभिलेख बने हैं। सरधना तहसील में 31229 डिजिटल अभिलेख बने हैं।
जिलाधिकारी दीपक मीणा का कहना है कि स्वामित्च योजना के तहत सभी गांवों में आवासीय भवनों के डिजिटल अभिलेख तैयार किए जा रहे हैं। जल्दी ही पूरे जनपद के अभिलेख तैयार हो जाएंगे।