मप्र के दिव्यांग तैराक सत्येन्द्र सिंह ने पार किया इंग्लिश चैनल, मुख्यमंत्री ने दी बधाई

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20HNAT26 मप्र के दिव्यांग तैराक सत्येन्द्र सिंह ने पार किया इंग्लिश चैनल, मुख्यमंत्री ने दी बधाई

भोपाल, 20 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय पैरा स्विमर सत्येंद्र सिंह लोहिया ने लंदन के डोवेर और फ्रांस के विसेंट के बीच स्थित विश्व प्रसिद्ध इंग्लिस चैनल को पार कर एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। उन्होंने अपनी छह सदस्यीय टीम के साथ 72 किलोमीटर की मैराथन तैराकी 31 घंटे 29 मिनट में सफलता पूर्वक पूर्ण की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस उपलब्धि के लिए सतेन्द्र सिंह को बधाई दी है।

मुख्यमंत्री ने गुरुवार को ट्वीट के माध्यम से कहा कि अंतरराष्ट्रीय पैरा स्विमर सत्येन्द्र सिंह लोहिया को लंदन के डोवेर और फ्रांस के विसेंट के बीच स्थित विश्व प्रसिद्ध इंग्लिस चैन टू वे (दोनों तरफ) पार करने पर हार्दिक बधाई। आपकी इस उपलब्धि ने मध्य प्रदेश एवं सम्पूर्ण देश को गौरवान्वित किया है। आप इसी तरह आगे बढ़ते रहें और देश-दुनिया में प्रदेश का नाम रोशन करें, शुभकामनाए।

पैरा स्वीमर सत्येंद्र ने अपनी टीम के साथ लंदन में डोवेर समुद्रतट से 17-18 जुलाई की दरमियानी रात्रि 3.17 मिनट पर तैराकी शुरू की थी। यहां से टीम फ्रांस के विसेंट समुद्रतट शाम को 5.17 मिनट पर पहुंची। यहां से वापस लंदन डोवेर समुद्रतट के लिए टीम ने तैराकी शुरू की। टीम 19 जुलाई को स्थानीय समयानुसार सुबह 10.40 मिनट पर वापस लंदन पहुंची। इस तरह सत्येन्द्र ने टीम के साथ 31 घंटे 29 मिनट में कुल 70 किलोमीटर की दूरी तय की।

गौरतलब है कि इंदौर में वाणिज्यकर विभाग में पदस्थ सत्येन्द्र सिंह मूलत: मप्र के भिंड के रहने वाले हैं। उन्होंने समुद्र में कई चैनलों को पार किया है, जिनमें यह इंग्लिश चैनल दुनिया में सबसे मुश्किल माना जाता है। यहां पता नहीं होता है कि कब मौसम बदल जाए। सत्येंद्र ने इससे पहले 24 जून 2018 को इंग्लिश चैनल एक ओर तैरकर पार किया था। तब 12 घंटे 26 मिनट में वे लंदन से फ्रांस तक गए थे। अब उन्होंने अपनी टीम के साथ दोनों ओर की दूरी पार की है।

सत्येंद्र ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस दौरान समुद्र में तापमान 14 डिग्री था। यहां ठंडे पानी में तैरना खासा मुश्किल था। रास्ते में मछलियों ने भी काटा। खासकर जैली फिश ने बहुत परेशान किया। यह मछली चिपक जाती है। इसकी रगड़ लगने से त्वचा पर जलन और खुजली होती है। लहरों और वर्षा से भी परेशानी होती है। वापस लौटते समय मौसम कुछ खराब हुआ और वर्षा होने लगी। इससे परेशानी बढ़ी।

सत्येंद्र का जन्म सामान्य बच्चे की तरह हुआ था, लेकिन जन्म के 15 दिन बाद बीमारी के कारण शरीर का निचला हिस्सा दिव्यांग हो गया। ऐसे हालात में बहुत से लोग निराश हो जाते हैं, लेकिन सत्येंद्र ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने तैराकी का प्रशिक्षण प्रारंभ किया। वे पैरा तैराकी में अब तक 28 राष्ट्रीय पदक जीत चुके हैं, जबकि चार अंतररष्ट्रीय पदक भी हासिल किए हैं। वर्ष 2019 में सत्येंद्र ने 45 किमी लंबे कैटलीना चैनल अमेरिका (कैलिफोर्निया) को तैरकर पार किया। तब वहां पानी का तापमान 16 डिग्री था। वे ऐसी कई मुश्किल जल यात्राएं सफलतापूर्वक कर चुके हैं। वर्ष 2020 में इन्हीं कार्यों के लिए सत्येंद्र को तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार मिला था। उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह सम्मान दिया था। यह सम्मान हासिल करने वाले वे देश के पहले दिव्यांग तैराक बने थे।