मेडिकल छात्रा पाखी की मौत पर नहीं चलेगा गंदगी का बहाना, गंभीर हुआ शासन

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19HREG525 मेडिकल छात्रा पाखी की मौत पर नहीं चलेगा गंदगी का बहाना, गंभीर हुआ शासन

— स्टेट मेडिको लीगल सेल को सौंपी गई जांच, तह तक जाएगी संयुक्त निदेशक की टीम

कानपुर, 19 जुलाई (हि.स.)। नौ माह पूर्व 15 दिनों तक आईसीयू में जीवन मौत से संघर्ष करने वाली मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली छात्रा पाखी की मौत हो गई थी। छात्रा की मौत के बाद से तरह-तरह के आरोप मेडिकल कालेज के जिम्मेदारों पर लगे और गंदगी का बहाना बनाया गया जो किसी को पच नहीं रहा। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा तो शासन गंभीर हो गया और जांच स्टेट मेडिको लीगल सेल को सौंप दी। सूत्रों के अनुसार संयुक्त निदेशक डा. कीर्तिवर्धन सिंह की टीम गुरुवार से जांच शुरु कर देगी और तह तक जाकर जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपेगी।

गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज में एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा रही पाखी आशीष की मौत का मामला शासन तक पहुंच गया है। छात्रा की मौत किन कारणों से हुई और अब तक जो जांच हुई उससे शासन संतुष्ट नहीं है। हालांकि मेडिकल कालेज के जिम्मेदारों की ओर से यह तर्क दिया गया था कि छात्रा की मौत का कारण मेडिकल कालेज में फैली गंदगी है। गंदगी की वजह से सुअरों का आना जाना रहता था और सुअर की मौत से परिसर में स्वाइन फ्लू हो गया। इसकी चपेट में आने से छात्रा बीमार हुई और ब्रेन में एक्यूट नाइक्रोटाइजिंग इंसेफेलाइटिस का संक्रमण होने से उसका दिमाग पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने से मौत हो गई। यही नहीं मेडिकल कालेज के जिम्मेदारों ने परिसर में फैली गंदगी की जिम्मेदारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर सौंप दी। इस पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर शासन के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग कर दी।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि मेडिकल कालेज परिसर की सफाई का कार्य प्रधानाचार्य डा. संजय काला के अधीन है और वहां पर प्रधानाचार्य एक प्राइवेट संस्था के जरिये सफाई कराते हैं। हालांकि गंदगी का जो तर्क दिया गया उस पर दिल्ली की महामारी नियंत्रण की टीम ने ठुकरा दिया है। टीम ने जांच रिपोर्ट में कहा है कि महामारी से एक ही व्यक्ति नहीं प्रभावित होता है। ऐसी ही जांच रिपोर्ट प्रमुख सचिव चिकित्सा, केजीएमयू के कुलपति और कानपुर के मंडलायुक्त की टीम ने शासन को सौंपी है।

मेडिको लीगल सेल करेगी जांच

छात्रा की मौत पर मेडिकल कालेज के जिम्मेदारों की जांच रिपोर्ट अन्य जिम्मेदारों की जांच रिपोर्ट से भिन्न पायी गई। इसको देखते हुए शासन ने सख्त रुख अख्तियार किया और मामले में अब तक विभिन्न माध्यमों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जो भी शिकायतें मिली उनका उन्होंने संज्ञान ले लिया। मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आते ही प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने स्टेट मेडिको लीगल सेल को जांच सौंप दी। सूत्रों के अनुसार स्टेट मेडिको लीगल सेल के संयुक्त निदेशक डा. कीर्तिवर्धन सिंह को दस्तावेज सौंप दिये हैं और संभावना है कि उनकी टीम गुरुवार से मामले की जांच शुरु कर देगी। बताया जा रहा है कि यह टीम पूरे मामले में तह तक जाएगी और शासन को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद ही दोषियों पर कार्रवाई होगी।

यह था मामला

पिछले वर्ष 26 सितम्बर को 22 वर्षीय छात्रा पाखी आशीष हॉस्टल में अचानक बेहोश हो गई थी। वह बाराबंकी निवासी आशीष कुमार श्रीवास्तव और मंजू श्रीवास्तव की बेटी थी जो पैरा एनटू (एमबीबीएस तृतीय वर्ष) बैच की छात्रा थी। वह मेडिकल कालेज के अंडर ग्रेजुएट गर्ल्स हास्टल में रह रही थी। उसे चार दिन से बुखार आ रहा था, 26 सितंबर को उसे चक्कर और बेहोशी आने पर उसकी सहेलियों ने स्कूटी से रात 10.30 बजे हैलट इमरजेंसी लेकर पहुंची। एलएलआर अस्पताल (हैलट) इमरजेंसी के मेडिसिन आइसीयू में वेंटिलेटर पर 15 दिनों तक मृत्यु से संघर्ष करने बाद 11 अक्टूबर को आखिरकार हार गई।