06HREG78 फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए जरुर कराएं मृदा की जांच : डॉ. खलील खान
– मिट्टी जांच एवं मिट्टी नमूना लेने के लिए मई का महीना सर्वोत्तम
कानपुर, 06 मई (हि.स.)। खेत की मिट्टी स्वस्थ होगी तो निश्चित तौर पर उत्पादन बढ़ेगा और स्वस्थ खाद्य पदार्थ भी हमें खाने को मिलेंगे। आजकल बहुत सी बीमारियां फसलों में अंधाधुंध रासायनिक खादों के उपयोग से हो रही है। स्वस्थ मृदा कार्ड बनने से किसान को अपनी खेत की मिट्टी की पूरी जानकारी मिल जाती है कि खेत में कौन सी फसल का उत्पादन ज्यादा मिलेगा और कितनी मात्रा में खाद डालना होगा। इसलिए किसान फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए मृदा की जांच अवश्य करायें और यह जांच मई माह में ही हो जाना चाहिये। यह बातें शनिवार को सीएसए के मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने कही।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) के मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने बताया कि फसलों से अधिक उपज लेने के लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में उपलब्ध है। फसल के अनुरूप जैविक खाद, उर्वरकों की मात्रा निर्धारण के लिए खेत की मिट्टी कौन-कौन से फसल के लिए उपयुक्त है। मिट्टी की अम्लीयता, क्षारीयता (पीएच) विद्युत चालकता का स्तर क्या है। यह सब मिट्टी की जांच से ही पता चलता है और मिट्टी की जांच के लिए मई का महीना सर्वोत्तम होता है।
ऐसे लें मिट्टी का नमूना
मृदा नमूना लेने की विधि के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी खेत में 5 जगहों से 15 सेंटीमीटर गहराई से मिट्टी का नमूना लिया जाता है। सर्वप्रथम किसान भाइयों को V(वी) आकार का गड्ढा खोदकर नमूना लेना चाहिए। खेत के पांचों जगहों से नमूना एकत्रित करने के बाद सभी को मिलाकर समग्र (कंपोजिट) नमूना बना लेते हैं। अब इस नमूने से आधा किलो मिट्टी लेकर कपड़े की थैली में भरकर उसी में एक पर्ची पर किसान का नाम, पता एवं खसरा संख्या सहित आगे बोई जाने वाली फसल के बारे में जानकारी लिख देते हैं। तत्पश्चात मिट्टी के नमूने को मृदा परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजकर मिट्टी का परीक्षण करा लेते हैं। मृदा परीक्षण उपरांत किसान को उर्वरक संस्तुति पत्र (मृदा स्वास्थ्य कार्ड) प्राप्त हो जाता है। जिसके आधार पर किसान अपनी फसलों में उर्वरक प्रयोग करते हैं।
जांच से फसलों का चयन करना होता है अधिक श्रेयकर
डॉक्टर खान ने बताया कि प्रायः मिट्टी के भौतिक और रासायनिक गुणों के आधार पर ही फसलों का चयन करना अधिक श्रेयकर रहता है, क्योंकि सभी मिट्टी सभी फसल उगाने के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं। मिट्टी की जांच से स्पष्ट निर्देश मिल जाता है कि विशेष खेत में कौन सी फसल उगाई जानी चाहिए। सभी फसलों के उचित बढ़वार उत्पादन हेतु पीएच मान 6.50 से 7.50 सबसे उपयुक्त होता है।