02HREG3 भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों ने प्रज्ञा योग से क्षमता संवर्धन लिया प्रशिक्षण
प्रज्ञा योग से क्षमता संवर्धन विषय हुई विश्वविद्यालय में हुई कार्यशाला
लखनऊ, 01 मार्च (हि.स.)। लखनऊ स्थित भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों के लिए प्रज्ञा योग द्वारा क्षमता संवर्धन विषय पर आज यानि बुधवार को परिसर में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में पी.डी. सारस्वत, जो कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विषयों जैसे स्वास्थ्य संवर्धन, तनाव प्रबंधन, व्यक्तित्व विकास, पर्यावरण संरक्षण, स्वावलंबन, युवा सशक्तिकरण जैसे विषयों पर कार्यशाला आयोजित कर चुके हैं, द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रज्ञा योग विषय पर हुए अनुसंधान कार्यों के माध्यम से भारत के ऋषि प्रणीत ज्ञान विज्ञान के द्वारा बहुत ही सरल भाषा में क्षमता संवर्धन विषय पर प्रकाश डाला। श्री सारस्वत, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के युवा सशक्तिकरण अभियान की कॉर्पोरेट प्रशिक्षण टीम के उत्तर प्रदेश के प्रभारी हैं।
सारस्वत ने बताया गया कि युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने इस विषय पर बहुत ही विस्तार से आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व अपने साहित्य में प्रकाश डाल चुके हैं जिस पर पूरे विश्व में शोध चल रहे हैं।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार एवं ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान, हरिद्वार में इस विषय पर हुए शोध कार्यों को भी जानकारी कार्यशाला में दी गई । कार्यशाला में ऋषि प्रणीत शब्द ब्रह्म -नाद ब्रह्म से संबंधित ज्ञान विज्ञान को विस्तार से बताया गया जो कि प्रज्ञा योग का मुख्य आधार है । संकाय सदस्यों ने अनुभव किया कि यदि शब्द ब्रह्म को गायन में एवं नाद ब्रह्म को संगीत में शामिल कर लिया जाए तो हमारे छात्रों का व्यक्तित्व परिष्कृत हो सकता है तथा समग्रता में जीवन को जी सकेंगे। कार्यशाला के प्रतिभागियों ने क्षमता संवर्धन विषय पर भविष्य में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की गई । विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह एवं प्रोफेसर सीमा भारद्वाज ने भविष्य में इस तरह की कार्यशाला आयोजित करने करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।