उत्तराखंड : ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का 37 प्रतिशत कार्य पूरा, राज्यपाल को दिया प्रस्तुतिकरण

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01HNAT34 उत्तराखंड : ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का 37 प्रतिशत कार्य पूरा, राज्यपाल को दिया प्रस्तुतिकरण

-17 मुख्य टनल में 8 का कार्य पूरा

-राज्यपाल बोले, सरकार दिक्कतों को करेगी दूर

देहरादून, 01 मार्च (हि.स.)। आरवीएनएल (रेल विकास निगम लिमिटेड) के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर अजीत सिंह यादव और जनरल मैनेजर भूपेन्द्र सिंह ने बुधवार को राजभवन में राज्यपाल के समक्ष ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यों का प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि परियोजना से जुड़े अब तक 37 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि परियोजना में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार प्राथमिकता के आधार पर पूरा सहयोग करेगी।

बुधवार को राजभवन सचिवालय में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यों की प्रगति के बारे में विस्तृत जानकारी पीपीटी के माध्यम से दी गई। इस दौरान राज्यपाल ने आरवीएनएल के अधिकारियों से कहा कि इस परियोजना में राज्य सरकार के स्तर से कोई भी सहायता या मदद की जरूरत हो उसे प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने इस परियोजना में आ रही चुनौतियों व समस्याओं के लिए भी हर संभव समाधान करने का आश्वासन दिया।

राज्यपाल ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन बहुप्रतीक्षित परियोजना है, जो उत्तराखण्ड प्रदेश के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने आरवीएनएल के अधिकारियों और इस परियोजना में कार्य कर रहे सभी लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे सभी दिन रात कार्य कर रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद इस परियोजना में तेजी से कार्य चल रहा है।

उन्होंने कहा कि इस रेल लाइन के बनने से जहां बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम का सफर सुगम हो जाएगा वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। जिस तरह इस परियोजना में आधुनिक तकनीकों की सहायता से कार्य किया जा रहा है, वह सराहनीय है।

इस दौरान अधिकारियों ने बताया की 125 किलोमीटर की लंबाई वाली इस रेल लाइन में कुल 12 रेलवे स्टेशन हैं। रेल लाइन में 17 मुख्य टनल का निर्माण किया जाना है, जिसमें से 8 टनल का कार्य पूरा हो गया है। अभी तक 37 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इस परियोजना में अत्याधुनिक तकनीकों और मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और सुरक्षा मानकों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।