ट्रांसजेनिक फसलें जनमानस के लिए सुरक्षित हैं और लाभकारी भीः डॉ महेश बसंतानी

Share

30HREG490 ट्रांसजेनिक फसलें जनमानस के लिए सुरक्षित हैं और लाभकारी भीः डॉ महेश बसंतानी

-बख्शी का तालाब के चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हुई गोष्ठी

लखनऊ, 30 जनवरी (हि.स.)। बख्शी का तालाब स्थित चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सोमवार को आईक्यूएसी सेल की ओर से ‘जैव प्रौद्योगिकी का दैनिक जीवन में महत्व‘ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया।

गोष्ठी में एप्रीओन कम्पनी, लखनऊ के निदेशक डॉ महेश बसंतानी ने कहा कि आज के परिवेश में हेल्थ केयर, जेनेटिक इंजीनियरिंग, मैरीकल्चर, एक्वाकल्चर, एग्रीकल्चर एवं एनवायरमेंटल बायोटेक्नोलॉजी व टैक्सटाइल इंडस्ट्री का दैनिक जीवन में बहुत महत्व है। उन्होंने इंसुलिन, जीन थेरेपी, एडिबल वैक्सीन पर भी चर्चा की। उन्होंने प्रश्नकाल में बताया कि ट्रांसजेनिक फसलें पूर्ण रूप से जनमानस के लिए सुरक्षित हैं और आज के परिवेश में अधिक उत्पादन तथा गुणवत्तापूर्ण उत्पाद के लिए बहुत लाभकारी भी है।

आईक्यूएसी सेल के संयोजक डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि महेश बसंतानी ने सात वर्ष तक अमेरिका में डायबिटीज पर शोध किया और आज इनके द्वारा स्थापित संस्था से जनमानस तथा किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि आनुवांशिक संशोधित फसल (जेनेटिक मोडिफाइड फूड) यह वे फसलें हैं, जिनके आनुवांशिक पदार्थ (डीएनए) में बदलाव किए जाते हैं, अर्थात् ऐसी फसलों की उत्पत्ति इनकी बनावट में अनुवांशिकीय रूपांतरण से की जाती है। इनका आनुवांशिक पदार्थ आनुवांशिक अभियांत्रिकी से तैयार किया जाता है। इससे फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है और आवश्यक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है। बीटी टमाटर, बीटी बैंगन सहित कई फसलें चलन में हैं।

महाविद्यालय के निदेशक प्रो. योगेश कुमार शर्मा ने उन्हें वृक्ष देकर सम्मानित किया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. गजेंद्र सिंह ने सभी शिक्षक एवं छात्रों को धन्यवाद ज्ञापित किया। व्याख्यान में वनस्पति विज्ञान की सहआचार्या रजनी शुक्ला, कृषि वनस्पति विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य गुरप्रीत भाटिया, प्रशासनिक अधिकारी शिवमंगल चौरसिया, शिव बहादुर सिंह चौहान सहित सभी शिक्षक एवं कर्मचारी ने हिस्सा लिया।