मप्र : मुख्यमंत्री चौहान ने पं. माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती पर किया माल्यार्पण

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भोपाल, 04 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय स्थित सभाकक्ष में पं. माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती पर उन्हें नमन कर माल्यार्पण किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट कर माखनलाल जी के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि “मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जावें वीर अनेक। महान कवि, श्रद्धेय माखन लाल चतुर्वेदी को जयंती पर नमन्। आपकी अमूल्य रचनाएं युगों-युगों तक युवाओं को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए प्रेरित करती रहेंगी।”

उल्लेखनीय है कि कलम के योद्धा और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. माखनलाल चतुर्वेदी के नाम पर भोपाल में राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय स्थापित है। पं. चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को नर्मदापुरम जिले के तहसील मुख्यालय बाबई में हुआ, जिसे अब पं. माखनलाल चतुर्वेदी के नाम पर माखननगर के नाम से जाना जाएगा। पं. चतुर्वेदी “कर्मवीर” और “प्रभा” के प्रतापी संपादक, राष्ट्रीय काव्य धारा के उन्नायक और पुष्प की अभिलाषा के अमर नायक रहे हैं। पं. चतुर्वेदी के सम्मान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी नर्मदापुरम जिले में आए थे और उनकी जन्म-स्थली पर पहुँचकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया था। पं. चतुर्वेदी झण्डा सत्याग्रह के विजयी सेनापति और अनूठे रचनाकार थे। उन्होंने कई बार ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रचार किया, इस वजह से वे ब्रिटिश साम्राज्य के कोप भाजन बन जाते थे।

पं. माखनलाल चतुर्वेदी ने वर्ष 1921-22 के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और कारावास भी गए। उनकी काव्य रचनाएँ राष्ट्र प्रेम से परिपूर्ण हैं। अनेक भाषाओं पर उनका अधिकार था। उन्हें सागर विश्वविद्यालय से वर्ष 1959 में डी-लिट की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। साथ ही वर्ष 1955 में उन्हें काव्य संग्रह हिमतरंगिणी के लिए “साहित्य अकादमी पुरस्कार” और भारत सरकार द्वारा वर्ष 1963 में “पद्मभूषण” से अलंकृत किया गया। पं. चतुर्वेदी का अवसान 30 जनवरी 1968 को हुआ।