मेरठ का तिलक पुस्तकालय राष्ट्रीय धरोहर हो घोषित : राजेंद्र अग्रवाल

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मेरठ, 01 अप्रैल (हि.स.)। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में मेरठ के तिलक पुस्तकालय को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किये जाने की मांग की। नियम 377 के अंतर्गत सांसद ने संसद में यह मांग उठाई।

लोकसभा में भाजपा सदस्य राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक व प्रमुख नगर है। इस नगर में प्रसिद्ध तिलक पुस्तकालय एवं वाचनालय है, जिसकी स्थापना 04 नवंबर 1886 को हुई थी। यह पुस्तकालय महानगर के प्राचीनतम पुस्तकालयों में से एक है। इस पुस्तकालय में मनुष्य के जीवन से जुड़े हर पहलू से संबंधित विषय पर पुस्तकें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू तथा फारसी आदि भाषाओं में है। हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू तथा फारसी की लगभग 44900 पुस्तकें उपलब्ध है। यूं तो मेरठ में आने वाले प्रत्येक महापुरुष, साहित्यकार, राजनीतिक, हस्तियों ने पुस्तकालय में पदार्पण कर इसे गौरव प्रदान किया है, लेकिन उन सब में विश्वभर में भारतीय संस्कृति का डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद का नाम सर्वाधिक उल्लेखनीय है।

स्वामी विवेकानंद सितंबर 1890 से जनवरी 1891 तक मेरठ के सम्मानीय अतिथि रहे। इस अवधि में उन्होंने पुस्तकालय में बैठकर महीनों धर्म, दर्शन और योग के ग्रंथों का अध्ययन मनन किया था। इन ग्रंथों के हाशियों पर स्वामीजी ने अपने हस्ताक्षर व टिप्पणियां भी अंकित की थी। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने स्पीकर के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया कि हजारों दुर्लभ पुस्तकों से सज्जित तथा ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण इस पुस्तकालय को ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया जाए।