-काकोरी के कठिंगरा गावं में सिखाए फगवा और ब्याह गीत
लखनऊ, 15 मार्च (हि.स.)। लखनपुरी की लोकप्रिय ओर प्रसिद्ध लोक गायिका कुसुम वर्मा ने काकोरी के कठिंगरा गांव की लड़कियों और बहुओं को ब्याह और फाग में गाए जाने वाले लोकगीत सिखाए।
लोक गायिका ने महिलाओं को सबसे पहले गणपित वंदना ‘गणपति सुमिरौ री…सिखाई, क्योंकि सनातन परम्परा में गणपति प्रथम पूजित देव है और किसी शुभ काम में सबसे पहले गणेश जी का स्मरण किया जाता है। इसके बाद उन्होंने देवी माता के गीत सिखाए।
इसके बाद महिलाओं को नकटा, सोहर, ब्याह और फाग गीत अगली कक्षाओं में सिखाए। कुसुम बताती हैं कि पहले तो गांव की लड़कियां संकोच करती थीं, लेकिन जब स्वयं नृत्य करके दिखाया तो उनकी हिचक खुलने लगी, फिर सबने बड़ी लगन से गीतों और नृत्यों को सीखा।
बताया कि लोक गीत सीखने वालों में गांव की महिला ग्राम प्रधान विद्यावती के घर में उनकी बहू और पोती आंचल, ज्योति, नैना आदि ने तथा गांव की अन्य बालिकाओं व महिलाओं ने गायन और नृत्य में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया।
वह बताती हैं प्रदेश की राज्यपाल संरक्षण में भातखण्डे संगीत डीम्ड विश्वविद्यालय ने काकोरी में एक गांव कठिंगरा गोद लिया था। विश्वविद्यालय ने वहां की महिलाओं और बालिकाओं को लोकगीत एवं लोकनृत्य सिखाने के लिए हमें चुना। बताया कि हमें प्रशिक्षण देने के लिए कई बार कठिंगरा गांव जाना पड़ा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में भातखण्डे की डॉ. सीमा भरद्वाज, डॉ. रंजना द्विवेदी, मधुकर व भातखण्डे का छात्र पवन मौजूद रहे।