जब बेगूसराय स्टेशन के सामने फुटपाथ पर नाश्ता करने बैठ गए आशीष विद्यार्थी

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बेगूसराय, 07 मार्च (हि.स.)। आम धारणा ही नहीं हकीकत भी है कि फिल्म स्टार बड़े सेलिब्रिटी होते हैं। उनका खान-पान से लेकर रहन-सहन तक तमाम दिनचर्या फाइव स्टार होटल से भी बेहतर होती है लेकिन 180 बार से अधिक मरने का अभिनय कर चुके चर्चित अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने सोमवार को बेगूसराय में जो किया, उसके बारे में ना तो किसी ने सोचा था और ना ही ऐसी उम्मीद थी।

बेगूसराय में हो रहे राष्ट्रीय नाट्य उत्सव की चर्चा सुनकर सोमवार को अचानक ही आशीष विद्यार्थी बेगूसराय आ गए। द्वितीय राष्ट्रीय उत्सव का आयोजन कर रहे आयोजकों को जब यह जानकारी मिली तो स्वागत की जोरदार तैयारी की गई। चर्चित निदेशक और संस्कार भारती के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार गुंजन तुरंत ही अपनी टीम के साथ रेलवे स्टेशन के सामने उनके स्वागत के लिए खड़े हो गए लेकिन आशीष विद्यार्थी स्वागत के लिए खड़े लोगों तक पहुंचने से पहले ही हुए गाड़ी से उतर कर श्रीकृष्ण मारवाड़ी भोजनालय पहुंच गए। वहां बैठकर उन्होंने चाय पी तथा होटल के सभी कर्मियों के साथ फोटो खिंचवाया।इसके बाद मास्क और टोपी लगा कर स्टेशन चौक पर फूटपाथ पर चल रहे नाश्ता दुकान पर पहुंच गए। आशीष विद्यार्थी को अपने सामने देखकर ना सिर्फ दुकान मालिक अनिल और काम करने वाले स्टाफ चौंक गए। बल्कि राह चल रहे लोगों ने भी काम छोड़ दिया और आशीष विद्यार्थी को देखने पहुंच गए। उनके साथ सेल्फी लेने और फोटो खिंचवाने की होड़ मच गई तथा आशीष विद्यार्थी ने सबों के साथ खूब फोटो खिंचवाया। इस बीच उन्होंने आम गरीब लोगों की तरह बेंच पर बैठकर कचौरी, सब्जी, जिलेबी का खूब आनंद लिया। कटा हुआ प्याज भी मांग-मांग कर खाया।

आशीष विद्यार्थी ने कहा कि इससे पहले एक बार बेगूसराय नाटक करने आया था। लेकिन आज नाटक देखने आया हूं, वह भी बिना बुलाए। मैंने निश्चय किया है कि जब कभी बेगूसराय आऊंगा तो इस स्टेशन चौक पर ही नाश्ता करूंगा। उन्होंने बताया कि आम लोगों के साथ, आम लोगों की तरह काठ के बेंच पर बैठकर बेगूसराय में नाश्ता करने का जो मजा है, वह मजा मुंबई और दिल्ली के बड़े होटलों में कभी नहीं मिल सकता है। बड़े-बड़े होटलों में एशो आराम मिल सकता है, लेकिन नाश्ता का यह स्वाद पहली बार से ही मेरे मन में बैठ गया है और आजीवन रहेगा।