जूनियर भारतीय टीम में जो अनुभव मिला, उससे सीनियर स्तर पर खेलने में काफी मदद मिली : संगीता कुमारी

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भुवनेश्वर, 7 मार्च (हि.स.)। जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम की युवा स्ट्राइकर संगीता कुमारी ने सीनियर टीम के लिए पदार्पण करते हुए हाल ही में भुवनेश्वर में एफआईएच हॉकी प्रो लीग में स्पेन के खिलाफ डबल-हेडर मैच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

संगीता ने स्पेन के खिलाफ मिले मौके का इस्तेमाल यादगार पदार्पण करने के लिए किया और अपने पहले मुकाबले में एक अच्छा गोल भी किया।

झारखंड के इस युवा का मानना है कि यह तो शुरुआत भर है। उन्होंने कहा, “मैं सीनियर भारतीय टीम में पदार्पण करने के लिए बहुत उत्साहित और घबराई हुई थी, लेकिन मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में जूनियर टीम में जो अनुभव मिला है, उससे काफी मुझे मदद मिली। साथ ही, सीनियर ग्रुप के साथ प्रशिक्षण एक पूरी तरह से अलग अनुभव रहा है। मैंने पिछले कुछ महीनों में बहुत कुछ सीखा है और मुझे लगता है कि यह मेरे लिए केवल शुरुआत भर है।”

संगीता पहली बार 2016 अंडर-18 एशिया कप के दौरान सुर्खियों में आईं, जहां उन्होंने आठ गोल किए और टीम को कांस्य पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह हॉकी झारखंड टीम का भी हिस्सा थीं, जिसने 9वीं हॉकी इंडिया जूनियर महिला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप 2019 (ए डिविजन) जीती थी। इस प्रदर्शन के तुरंत बाद, उन्हें भारतीय जूनियर महिला टीम के लिए बुलावा आया। उन्होंने जूनियर टीम के लिए छह अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लिया और उस टीम के प्रमुख सदस्यों में से एक थीं, जो पिछले साल चिली दौरे पर अजेय रही थी। उन्होंने इस दौरे पर पांच मैचों में चार गोल किए।

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि जूनियर टीम के साथ इन आउटिंग ने मुझे बहुत आत्मविश्वास दिया। जूनियर टीम भी सीनियर टीम के समान संरचना का पालन करती है, इसलिए मेरे लिए उनके खेल के अनुकूल होना बहुत कठिन नहीं था। लेकिन मुझे लगता है कि अभी भी बहुत कुछ है कड़ी मेहनत के लिए जो मुझे सीनियर टीम में अपनी पहचान बनाने और एक नियमित स्थान पक्की करने के लिए आवश्यक है।”

झारखंड में अपने गृह नगर सिमडेगा से बाहर आने वाली प्रतिभा के बारे में बात करते हुए, संगीता ने कहा, “सिमडेगा में हमारी मजबूत हॉकी संस्कृति है और राज्य ने हमारे लिए अच्छा बुनियादी ढांचा प्रदान किया है। राज्य की टीम के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जैसे सलीमा टेटे और निक्की प्रधान, जिन्होंने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, ने इस क्षेत्र के कई युवा खिलाड़ियों को इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित किया है।”