गाजियाबाद। मज़बूत दल का मतलब यह नहीं है कि आप कानून अपने हाथ में ले ले लेकिन कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि अगर उनकी पार्टी मज़बूत है तो वह कुछ भी कर सकते हैं ऐसा ही नजारा विजय नगर थाना क्षेत्र में देखने को मिला जहां किसी मामले में कुछ नेत्रियों के बीच सरगर्मियां इतनी बढ़ गई कि बात मारपीट तक पहुंच गई। बड़ी बात यह है कि सारा मामला थाने में हुआ और उसके बाद पुलिस सुपर एक्शन मोड में आ गई। जहां बताया जा रहा है कि पुलिस ने बाकायदा दोनों पक्षों का चालान कर दिया जिसके बाद दोनों पक्षों को अपनी जमानत कोर्ट से करानी पड़ी।
इस पूरे मामले में पार्टी की छवि को स्थानीय स्तर पर जबरदस्त नुकसान पहुंचा है क्योंकि मामला पार्टी के साथ महिलाओं से जुड़ा है। ऐसे में बेटियों का नारा बुलन्द करने वाली पार्टी की महिला नेत्रियां ही आपस में किसी भी स्तर पर अगर मारपीट करती हैं तो उसका सीधा असर जनता पर यह पड़ता है कि जो अपनी ही रक्षा नहीं कर सकते वह बेटियों को किस तरह से बचा पाएंगे।
इस पूरे मामले में ना तो कोई कुछ बोल रहा है और ना ही पुलिस भी कोई जानकारी दे रही है लेकिन सूत्रों की माने तो पूरा मामला मैंनेज होने वाला ही था कि बात तकरार से बढ़कर मारपीट पर पहुंच गई। अब किसी थाने में अगर सरेआम मारपीट होती है तो निश्चित रूप से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग जाते हैं। ऐसे में वर्दी का इकबाल बुलंद करने के लिए वर्दी धारियों ने भी कानूनी प्रक्रिया अपनाई और बिना यह देखें कि कौन किस पार्टी और झंडे का पैरोकार है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर दी। निश्चित रूप से यह कानून की जीत है लेकिन हार और बदनामी सबसे मजबूत दल की हो रही है।
वहीं सूत्रों की मानें तो पूरा मामला कुछ दिन पूर्व भी पूरी तरह से उबाल खा चुका था। दरअसल क्रॉसिंग रिपब्लिक क्षेत्र के कुछ नेता गण आपस में बेहद जबरदस्त मतभेद के शिकार हो चुके हैं। अब इस कड़ी में कुछ नेत्रियां भी जुड़ गई। जिसके बाद मतभेद का स्तर मारपीट के स्तर तक जा पहुंचा। सारे मामले की जड़ बॉडी बिल्डिंग करने वाले एक को बताया जा रहा है। जिसका वे लाभ मारपीट में उठाना चाहते हैं। ऐसे मज़बूत शरीर वाले नेता अपनी मसल्स का प्रदर्शन फेसबुक पर भी करते हैं लेकिन यहां दिमाग से काम लेने के बजाय थाने में बाहुबल का प्रयोग कर दिया। जिसका खामियाजा पूरी पार्टी को बदनामी के रूप में भुगतना पड़ रहा है।