गाजियाबाद। इंदिरापुरम के विस्तार की दिशा में जीडीए के कदम बढ़ने शुरू हो गए हैं। काफी लंबे समय से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने की वजह से इस योजना पर जीडीए काम नहीं कर पा रहा था। लेकिन पिछले दिनों हुई बोर्ड बैठक में जीडीए ने 60 एकड़ जमीन को छोड़कर बाकी सभी जमीन को डि-नोटिफाई किए जाने के लिए शासन को पत्र भेज दिया गया है। जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि अभी ग्रुप हाउसिंग को लेकर जीडीए का अनुभव बहुत अच्छा नहीं है। इसलिए छोटे प्लॉट को काटकर बेचा जाएगा। यहां पर 5 फीसदी एरिया पर कमर्शल भूखंड के साथ ही सामुदायिक कार्य के लिए भूखंड को काटा जाएगा। जिससे इस योजना को पूरी तरह से विकसित किया जा सके।
60 एकड़ जमीन पर विकसित होने वाले इंदिरापुरम एक्सटेंशन के लेआउट प्लान तीन महीने के अंदर तैयार किया जाएगा। इसमें 200 से लेकर 350 वर्ग मीटर के भूखंड के अलावा ग्रुप हाउसिंग के भूखंड होंगे। इसमें 200 से लेकर 350 वर्ग मीटर के भूखंड के अलावा ग्रुप हाउसिंग के भूखंड होंगे।
जो जमीन डि-नोटिफाई हो चुकी है उसे प्रदेश सरकार की लैंड पुलिंग पॉलिसी के साथ किसानों की सहमति बनाकर हासिल किया जा सकेगा। जिसके फलस्वरूप प्राधिकरण पर अत्यधिक वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा। साथ ही साथ कमिटी ने यह भी सुझाव दिया है कि जो जमीन डिनोटिफाई हो जाए, वहां पर अवैध निर्माण को रोकने के लिए प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगाया जाना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं होता है तो उस क्षेत्र में अवैध निर्माण की संभावनाबढ़ जाएगी।